✍️ दिल्ली -अनीता गुलेरिया विशेष संवाददाता ।
दिल्ली-सरकार के अस्पतालों स्वास्थ्य जांच प्रणाली की घटिया करतूतों की पोल आए दिन खुलती नजर आ रही है,अभी हाल में किराड़ी-विधानसभा का मामला देखने को मिला है जहां पर दस अप्रैल को समीम नाम के मरीज जिसकी उम्र (65) उनके बेटे ने उनके गले में कफ और सांस की दिक्कत के चलते उन्हें बुलंदशहर से रेफर करवा कर दिल्ली के लोक नायक अस्पताल में भर्ती करवाया था,जहा डॉक्टरों ने कोरोना-संक्रमण के चलते उन्हें अस्पताल की तीसरी-मंजिल के क्वांरटाइन में रख दिया था,बुजुर्ग मरीज समीम के बेटे जाने आलम ने मीडिया-समक्ष बताते हुए कहा, मेरा बेटा हर रोज दादा का हाल जानने अस्पताल लगातार जाता रहता था और मेरी अपने पिता से फोन पर आखिरी बार बारह तारीख की सुबह बात हुई थी, उसके बाद से हमारी फोन पर उनसे बात नहीं हो पाई,अस्पताल के अंदर हमें जाने नहीं दिया जाता था और गेट पर ही मेरे बेटे को यह कह दिया जाता था कि तुम्हारे दादा ठीक हैं, शनिवार 25 तारीख को मेरा बेटा अस्पताल मे दादा की तबीयत के बारे में बारे में जानकारी लेने गया,तब भी उसे गेट पर यह कहकर वापस भेज दिया गया,तुम्हारे दादा बिल्कुल ठीक हैं और उन्हें सोमवार को छुट्टी मिल जाएगी,तकरीबन एक घंटे के बाद लोकनायक-अस्पताल द्वारा मेरे पिता की मौत की खबर दी गई,जब हम अस्पताल अपने पिता के शव को लेने पहुंचे तब डॉक्टरों ने कागजी-कार्यवाही का बहाना बनाते हुए मेरे पिता के शव को सोमवार 27 तारीख को हमे सौंपा और अस्पताल-डेथ रिपोर्ट के मुताबिक मेरे पिता की मौत चौदह अप्रैल सुबह छह बजे की बताई गई है, मौत होने की वजह पूछने पर डॉक्टरों ने हमें कुछ भी जवाब देने से इनकार कर दिया शक होने पर हम ने पुलिस को सूचित किया,पुलिस आई लेकिन कार्यवाही ना के बराबर रही,मुझे अपनी सरकार और स्वास्थ्य विभाग मंत्रालय से पूछना है,यदि मेरे पिता की मौत चौदह-तारीख सुबह हो गई थी,तो सबसे पहले मौत की खबर को छुपाया क्यो गया ? और चौदह दिन के बाद शव देने की वजह क्या थी ? मेरी केंद्र-स्वास्थ्य-मंत्रालय और दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन से इस विनती है,अस्पताल के दोषी कर्मियों पर कार्यवाही करते हुए मौत की वजह क्या थी, तुरंत जवाबदेही देते हुए इंसाफ की गुहार लगाई है,आखिर दिल्ली सरकार की स्वास्थ्य-कार्यशैली में यह सब हो क्या रहा है ? पीडित परिवार इस घटना से शोकाकुल अवस्था में है कि आखिर हमारे मरीज के साथ हुआ,तो क्या हुआ ? क्या स्वास्थ्य विभाग-मंत्री डॉ.हर्षवर्धन दोषियों के खिलाफ कार्यवाही करते हुए पीड़ित हुए परिवार के मन मे उठे सवालो का सपष्टीकरण करके,उचित-न्याय दिलाकर सार्थक-प्रतिक्रिया को अंजाम दे पाएंगे ?
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