रूठे हुए दोस्त जब मनाने पड़ते हैं
सही होकर भी सर झुकाने पड़ते हैं
झूठ के दौर में रिश्ते निभाने के लिए
कई सच दिल में दफनाने पड़तें हैं
आ ही जाए मुसीबत तो घबराना कैसा
गले पड़े ढोल तो बजाने पड़तें हैं
सियासत की बिसात में कई बार दोस्तो
दुश्मन भी दोस्त बनाने पड़तें हैं
भले उसके लिए फिर जान ही देनी पड़े
दिए गए कौल तो निभाने पड़तें हैं
शत्रु बन डट जाएं जब अपने ही सामने
तो अर्जुन की तरह तीर चलाने पड़तें हैं
फल लगने पर भी डाल जो झुकती नहीं
उसे लोगों के पत्थर खाने पड़तें हैं
दिल में सुलगती ख्वाहिशों के अंगार
बेबसी के आंसूओं से बुझाने पड़तें हैं
शराफ़त को कमज़ोरी जब समझे ज़माना
तो दो हाथ ' राज ' फिर दिखाने पड़तें हैं
राजिंदर सिंह ' बग्गा '
सही होकर भी सर झुकाने पड़ते हैं
झूठ के दौर में रिश्ते निभाने के लिए
कई सच दिल में दफनाने पड़तें हैं
आ ही जाए मुसीबत तो घबराना कैसा
गले पड़े ढोल तो बजाने पड़तें हैं
सियासत की बिसात में कई बार दोस्तो
दुश्मन भी दोस्त बनाने पड़तें हैं
भले उसके लिए फिर जान ही देनी पड़े
दिए गए कौल तो निभाने पड़तें हैं
शत्रु बन डट जाएं जब अपने ही सामने
तो अर्जुन की तरह तीर चलाने पड़तें हैं
फल लगने पर भी डाल जो झुकती नहीं
उसे लोगों के पत्थर खाने पड़तें हैं
दिल में सुलगती ख्वाहिशों के अंगार
बेबसी के आंसूओं से बुझाने पड़तें हैं
शराफ़त को कमज़ोरी जब समझे ज़माना
तो दो हाथ ' राज ' फिर दिखाने पड़तें हैं
राजिंदर सिंह ' बग्गा '
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