पंचकूला - संवाददाता ।
हंदवाड़ा में शहीद हुए मेजर अनुज सूद शादी को हुए कुछ महीने लॉकडाउन के बाद आना था घर लेकिन पहुंचे तिरंगे में लिपटे हुए
हंदवाड़ा एनकाउंटर में शहीद मेजर अनुज सूद का पार्थिव शरीर मंगलवार सुबह उनके घर पहुंचा। ताबूत में तिरंगे से लिपटे पति का शव देखर पत्नी आकृति फूट-फूट कर रो पड़ीं। ताबूत में रखे शव के बगल में उनकी पत्नी बैठ गईं और निहारती रहीं। वह बेसुध हो गई थीं। बगल में ही शहीद (Martyr) की मां बैठी थीं। इन सबके बीच भाई के जाने का गम लिए मेजर अनुज सूद की कैप्टन बहन हर्षिता कभी मां तो कभी अपनी भाभी को संभाल रही थीं। शहीद के पिता रिटायर्ड ब्रिगेडयर सीके सूद वहां आने-जाने वाले लोगों को मुलाकात कर रहे थी ।
मेजर सूद के पिता रिटायर्ड ब्रिगेडियर चंद्रकांत सूद ने बेटे के पार्थिव शरीर को कंधा दिया। शहीद मेजर अनुज सूद लॉकडाउन खत्म होते ही घर आने वाले थे, लेकिन पहुंची तो उनकी शहादत की खबर। शहीद मेजर अनुज सूद ने पिता व परिवार से लॉकडाउन के खत्म होने पर 3 मई को छुट्टी लेकर घर आने का वादा किया था।
मेजर अनुज के पिता ब्रिगेडियर चंद्रकांत सूद ने कहा कि अनुज मेरा नहीं, देश का बेटा था, देश के लिए शहीद हो गया अनुज सूद का पार्थिव शरीर आज पंचकूला स्थित अमरावती एन्क्लेव में उनके आवास पर पहुंचा तो हर कोई शहीद के अंतिम दर्शन के लिए अपने घरों से बाहर आ गया। शहीद का मनीमाजरा स्थित श्मशान घाट में पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया ।
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