✍️विशेष-संवाददाता अनीता गुलेरिया ।
राजधानी-दिल्ली मे कोरोना संक्रमित-मरीजों की संख्या के बढ़ते खासतौर पर रेड-जोन घोषित किया गया है,केंद्र सरकार के गृह-मंत्रालय ने इस गंभीर परिस्थिति को देखते हुए देश को तीन-भागों में बांटा है,जिसमें रेड जोन,ऑरेंज-जोन और ग्रीन-जोन जहां पर मरीजों की ज्यादा संख्या है उस इलाके को रेड-जोन में रखा गया है,राजधानी के 90 प्रतिशत जिलो में कोरोना संक्रमित मरीज पाए जाने दिल्ली को पूरी तरह से खतरनाक श्रेणी में रखा गया है । रोहिणी सेक्टर 6,के बाबा साहेब आंबेडकर अस्पताल का पैरामेडिकल स्टाफ जो दिन रात कोरोना-संक्रमित मरीजों की सेवा में कार्यरत हैं उन्होंने सरकार से मिलने वाली असुविधाओं को लेकर आज अस्पताल के बाहर धरना प्रदर्शन किया । स्टाफ कर्मचारियों ने मीडिया-समक्ष अपनी दिक्कतों के बारे में बताते हुए कहा डॉक्टर व नर्सिंग-स्टाफ से अलग हमारे साथ पूरी तरह से भेदभाव किया जा रहा है,डॉक्टर तो मरीज को छूता भी नहीं है और हम लोग टेस्ट से लेकर मरीज के इलाज तक चौबीस-घंटे उसके संपर्क में रहते हैं,इसलिए हम लोगों में संक्रमण का ज्यादा खतरा बना हुआ है,सरकार की तरफ से ना तो हमें किट जा रही है ना ही फेस-मास्क,एक हफ्ते के लिए दिए मास्क को हमे इसको धोकर लगाने को कहा जाता है,हालांकि धोने के बाद यह फेस यह मास्क किसी भी काम के नहीं रहते हैं ।इसलिए हम अपने पैसे से फेस मास्क को बाहर से खरीद रहे हैं, अस्पताल के बाहर धरने पर बैठे स्टाफ ने भारी रोष-व्यक्त करते हुए कहा,डॉक्टर और नर्स को तो स्पेशल-होटल के कमरे दिए जा रहे हैं और हम लोगों को धर्मशाला के कमरों में रखा जा रहा है,यहा पर ना तो सैनिटाइजर किया जा रहा है और ना ही हमें समय से खाने लायक भोजन की सुविधा सरकार की तरफ से मिल रही है पैरामेडिकल स्टाफ ने बताया बाबा साहेब आंबेडकर अस्पताल मे सबसे ज्यादा संख्या में कोरोना पॉजिटिव पेशेंट आ रहे हैं और हमें दिल्ली-सरकार की सुविधाएं जैसे पीपीई-किट ना मिलने के कारण हमारा स्टाफ बाहर बैठा है,पिछले दिनो मे जहां पर एक डॉक्टर के संक्रमित पाये जाने से 70 के करीब लोगों की टेस्ट-जाँच की गई थी,लेकिन हमारे प्रधान के इलावा स्टाफ के दो और लोग पॉजिटिव आए हैं,वैसे तो यह लोग ठीक है लेकिन सरकार ने उनके संपर्क में आए स्टाफ का टेस्ट जाँच करवाना जरूरी तक नहीं समझा आखिर क्यों ? अभी थोड़े दिन पहले जी टी बी अस्पताल के स्टाफ ने भी खाना खाने को लेकर शिकायत की थी इस तरह कोरोना योद्धाओं के साथ हो रही सरकारी घटिया-व्यवस्था की पोल दिन ब दिन खुलती नजर आ रही है । हर समय आम आदमी के हित की बात करने वाली दिल्ली की आप सरकार अपनी घटिया-रणनीतियों का खेल-खेलते हुए,क्यो इस तरह मुशिकल-मुहिम का (अटूट)हिस्सा बने कोरोना-योद्धाओं को हताश करके उन्हें निशक्त करने पर अमादा है,क्या यही है असली योद्धाओं का असली-सम्मान ?



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