- स्वदेशी हम अपनाएंगे -
“चलों शमा जलाएं राष्ट्र प्रेम का
स्वदेश प्रेम संकल्प लें हम।
खाकी, खादी वर्दी धारण कर
स्वदेशी यात्रा का बिगुल बजाएं।
सिर पर अफगानी कोई ताज नहीं
स्वदेशी पगड़ी बांधेंगे ।
गांधी के सिद्धांतों से, पगडंडी की राहों पर
स्वदेशी कम्पनियां हम बनाएगें ।
राणा प्रताप के घोड़े को
हम फिर से शान बनाएगें।
वाल्मीकि से गुरुवर को
व्यास पीठ पर बैठाएगें ।
सूट बुट का त्याग करेंगें
साड़ी,धोती कुर्ता हम अपनाएंगे ।
प्रवासी यात्रा न कर हम
अपने खेत में हल चलाएगें ।
भारत हैं सोने की चिड़ियां
पुनः विश्व को बतलाएंगे ।
हम स्वदेशी अपनाएंगे
राष्ट्र भक्त कहलाएंगे ।।"
रेशमा त्रिपाठी
प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश
“चलों शमा जलाएं राष्ट्र प्रेम का
स्वदेश प्रेम संकल्प लें हम।
खाकी, खादी वर्दी धारण कर
स्वदेशी यात्रा का बिगुल बजाएं।
सिर पर अफगानी कोई ताज नहीं
स्वदेशी पगड़ी बांधेंगे ।
गांधी के सिद्धांतों से, पगडंडी की राहों पर
स्वदेशी कम्पनियां हम बनाएगें ।
राणा प्रताप के घोड़े को
हम फिर से शान बनाएगें।
वाल्मीकि से गुरुवर को
व्यास पीठ पर बैठाएगें ।
सूट बुट का त्याग करेंगें
साड़ी,धोती कुर्ता हम अपनाएंगे ।
प्रवासी यात्रा न कर हम
अपने खेत में हल चलाएगें ।
भारत हैं सोने की चिड़ियां
पुनः विश्व को बतलाएंगे ।
हम स्वदेशी अपनाएंगे
राष्ट्र भक्त कहलाएंगे ।।"
रेशमा त्रिपाठी
प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश

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