लुधियाना - काजल खोसला ।
तीन माह से घर पर बैठे स्कूल वैन चालकों का सब्र वीरवार को टूट गया। लुधियाना के विभिन्न स्कूल के वैन चालकों ने डीसी दफ्तर के बाहर शर्ट उतार कर अर्धनग्न हो सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। वैन चालकों में सबसे ज्यादा आक्रोश शिक्षामंत्री के खिलाफ दिखा। वैन चालकों का साफ कहना था कि अब तो उन्हें भी स्कूल के मैसेज आने लगे है कि वह अपने बच्चों की ट्यूशन फीस जमा करवाए। तीन माह से एक पैसे की कमाई नहीं हुई है, तो वह कहां से पैसा दें। यूनियन पदाधिकारियों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों पर गौर नहीं हुआ तो वह वैनों को डीसी दफ्तर के पास खड़ा कर चाबियां सौंप देंगे। फिर पंजाब सरकार इन स्कूल वैन को ही चलाए।
वैन चालक सरसोवा सिंह भाटिया ने बताया कि पहले उनके पास पुरानी वैन थी। उस पर टैक्स, बीमा अन्य की बचत हो रही थी। इसलिए वह अपना परिवार पाल रहे थे। पंजाब सरकार ने कोर्ट के आदेश दिखाकर नई स्कूल वैन लेने का डंडा चलाया। उन्होंने पुरानी वैन को कबाड़ में बेचा, बैंक से कर्ज लिया और कुछ चालकों ने गहने तक बेच डाले। हमे बैंक को हर माह लगभग 20 हजार रुपये किश्त देनी होती है। सरकार ने साफ कहा कि एक वैन में तीस से ज्यादा बच्चे नहीं बैठेंगे। कोरोना महामारी के कारण वह तीन माह से घर पर बैठे है। एक पैसे की कमाई नहीं हुई है, जबकि बैंक उनसे किश्तें मांग रहा है। पंजाब सरकार की तरफ से एक पैसे की मदद उन्हें नहीं मिली है। इसलिए वह चाहते है कि पंजाब सरकार उनकी बैंक किश्त, टैक्स और पासिंग फीसों को माफ करें। ताकी वह अपनी गुजर बसर कर सकें।
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