बागपत-वीरेंद्र तोमर ।
उत्तर प्रदेश के जनपद बागपत में एक मामला पत्रकारों से जुड़ा हुआ आया है एक राशन डीलर व अन्य दुकानदारो ने आरोप लगाए है कि पत्रकारों ने 2 दिन पूर्व 400 रूपये ब्लेकमेलिग करके ले गए थे ।
ब्लेकमेलिग जब वो पत्रकार ने की थी तो दो दिन बीत जाने के बाद पत्रकारों के खिलाफ पुलिस को सूचना क्यो नही दी --- राशन डीलर की कुछ ग्रामीणों ने पत्रकारों से यूनिट के बारे में जानकारी ली तो ग्रामीणों ने बताया कि राशन डीलर हमें यूनिट काटकर राशन दे रहा है फिर क्या हुआ राशन डीलर के गुर्गे वहाँ पर कुछ देर बाद कुछ गुर्गे भी पोहच गए और पत्रकारों के साथ बत्तमीजी करने लगे और पत्रकारों के मोबाइल से वीडीयो डिलीट करने के लिए बोलने लगे जब पत्रकारों ने इनका विरोध किया तो राशन डीलर ने कहानी बनाकर पत्रकारों के ऊपर गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराकर भिजवा दिया । पत्रकारों को पुलिस और राशन डीलर की मिलीभगत से फ़र्जी पत्रकार की उपाधि नगर कोतवाली ने दे दी । पुराने अखबार के पत्रकार आँखों देखा प्रकाश है जिसको सॉर्ट में एडीपी डिजीटल टीवी के रूप में पोर्टल भी चला रहा है ।
कुछ पत्रकारों ने इस फर्जी मुकदमे को खत्म करने के लिए कहा है कि राशन डीलर की कमी को दबाकर हमारे तीनो पत्रकारों को फर्जी मुकदमा लगाकर जेल भेज दिया क्या पहले से ही इन पत्रकारों को इन लोगो ने फर्जी तरीकेे से जेल भेजनेे की योजना बना ली थी ।
एडीपी न्यूज के पत्रकार दिलशाद ने बताया कि बागपत प्रशासन ने ना तो जांच की है और ना ही राशन डीलर के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई है ।
जिला बागपत मे राशन डीलरों की दबंगई और पुलिस की मिली भगत से गरीब जनता का निवाला छिना और एडीपीटीवी न्यूज के तीन पत्रकारों को फर्जी तरीके से फसाया जो राशन डीलरों की सच्चाई दिखाने का प्रयास कर रहे थे जिसमें जिला ब्यूरो चीफ जोगेंद्र सिंह, संवाददाता अंकुर कुमार व सहायक अमीत ग्राउंड रिपोर्ट कर रहे थे तभी एक कुछ गुर्गो ने आरोप लगाना सुरु कर दिया और तीनों के साथ बत्तमीजी करने लगा तीनो पत्रकारों को बुरी-बुरी गाली देने लगे ओर पुलिस की मिली भगत करके जेल भेजे गए ।
इतना ही नहीं पुलिस जज भी बन गई उन्होंने फैसला कर लिया कि तीनो पत्रकार फर्जी है । इससे पता चलता है कि बागपत पुलिस का नाम बदनाम करने मे कुछ पुलिसकर्मी लगातार कैैैसे लगे हुए हैं । जो पत्रकार की स्वतंत्रता को भंग कर रहे है उसके अधिकार को छीनने की कोशिश कर रही है । जल्द ही बागपत पुलिस के ऐसे पुलिसकर्मियों पर प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया में शिकायत दर्ज करके मामला पंजीकृत कराया जा सकता है ।
पत्रकारों का बड़ा प्रतिनिधिमंडल जल्द ही इस फर्जी प्रकरण के खिलाफ आवाज उठाने की तैयारी में लग गया है ।
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