-समय चक्र-
समय चक्र गतिवान है..
न क्षोभ से हारे, न संयम धार है..
हर क्षण मे छुपी उनकी हर एक चाल है..
न दौलत मे हाँर है .
न शोहरत से आँखे चार है..
इन जंजीरो के गिरफ मे..
न दो पैसो का व्यापार है
बस अपनी ही गति मे उनकी रफ़्तार है..
समय चक्र गतिमान है..
जलजला बनके प्रवाह..
अग्नि प्रलय की ज्वाल है..
बादलो के वेश मे..
बरसता हुआ जल प्रलय है..
आंधिओं के तूफान से..
मचाता ये हाहाकार है..
जो पाप से धरती फटे.
ये भयानक भूचाल है .
बस अपनी ही गति मे उनकी रफ़्तार है..
समय चक्र गतिमान है..
धर्म, अधर्म.. विनाशक.. अनुशाशक
न मित्र, न साधु .साथ प्रदान है .
न भूतों न भविस्य..विधि का निर्धारण है
बलवान, हर ज्ञान..उनमे सब धारण है
न अहोभाव, न भाव.. बस अलग प्रभाव है
मिले हर आचरण शुद्धता का प्रमाण है .
बस अपनी ही गति मे उनकी रफ़्तार है..
समय चक्र गतिमान है..
अल्पा मेहता एक एहसास
राजकोट ( गुजरात )
समय चक्र गतिवान है..
न क्षोभ से हारे, न संयम धार है..
हर क्षण मे छुपी उनकी हर एक चाल है..
न दौलत मे हाँर है .
न शोहरत से आँखे चार है..
इन जंजीरो के गिरफ मे..
न दो पैसो का व्यापार है
बस अपनी ही गति मे उनकी रफ़्तार है..
समय चक्र गतिमान है..
जलजला बनके प्रवाह..
अग्नि प्रलय की ज्वाल है..
बादलो के वेश मे..
बरसता हुआ जल प्रलय है..
आंधिओं के तूफान से..
मचाता ये हाहाकार है..
जो पाप से धरती फटे.
ये भयानक भूचाल है .
बस अपनी ही गति मे उनकी रफ़्तार है..
समय चक्र गतिमान है..
धर्म, अधर्म.. विनाशक.. अनुशाशक
न मित्र, न साधु .साथ प्रदान है .
न भूतों न भविस्य..विधि का निर्धारण है
बलवान, हर ज्ञान..उनमे सब धारण है
न अहोभाव, न भाव.. बस अलग प्रभाव है
मिले हर आचरण शुद्धता का प्रमाण है .
बस अपनी ही गति मे उनकी रफ़्तार है..
समय चक्र गतिमान है..
अल्पा मेहता एक एहसास
राजकोट ( गुजरात )

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