--प्यार और दूरी --
प्यार में होती है दूरी
या दूरी होने से होता है प्यार
नहीं समझ में आती ये बात।
किसी से करना प्यार
नहीं है साधारण बात
होता होगा नाता कोई खास
जिससे होती है दूरी
क्या उसी से होता है प्यार
प्रशन ये सताता है।
हर बार।
नहीं मिलता इसका कोई जवाब
प्यार में होती है दूरी
या दूरी होने से होता है प्यार ।
वास्तविक प्यार की अनुभूति
अभी महसूस होगी सभी को
सभी को मालूम है
कोई किसी के लिए कुछ
नहीं कर सकता
बस दुआ और दिल से
एक दूसरे के सुख दुख
महसूस करना।
सभी वचन ब्ध्य है।
सभी के पैरो में बेडी है।
वास्तविक प्रेम यही है।
जो दूर रहकर निभाया जाय।
जहा स्वार्थ ना हो
पाने की कोई चाहत ना हो
देने के लिए आत्मसमर्पण हो
महसूस दुख और खुशी हो।
लेखिका-
रूपाली गोयल, दिल्ली
प्यार में होती है दूरी
या दूरी होने से होता है प्यार
नहीं समझ में आती ये बात।
किसी से करना प्यार
नहीं है साधारण बात
होता होगा नाता कोई खास
जिससे होती है दूरी
क्या उसी से होता है प्यार
प्रशन ये सताता है।
हर बार।
नहीं मिलता इसका कोई जवाब
प्यार में होती है दूरी
या दूरी होने से होता है प्यार ।
वास्तविक प्यार की अनुभूति
अभी महसूस होगी सभी को
सभी को मालूम है
कोई किसी के लिए कुछ
नहीं कर सकता
बस दुआ और दिल से
एक दूसरे के सुख दुख
महसूस करना।
सभी वचन ब्ध्य है।
सभी के पैरो में बेडी है।
वास्तविक प्रेम यही है।
जो दूर रहकर निभाया जाय।
जहा स्वार्थ ना हो
पाने की कोई चाहत ना हो
देने के लिए आत्मसमर्पण हो
महसूस दुख और खुशी हो।
लेखिका-
रूपाली गोयल, दिल्ली
0 comments:
Post a Comment