-- मेरी कविता पढ। लो तुम--
मुझसे जुड़ने से बेहतर है
मेरी कविता को पढ़ लो तुम।
मैं कविता में ही रहती हूँ
मैसेंजर में ना ढूढों तुम।
मैं साक्षी हूँ कविताओं की
अब पेज को फॉलो कर लो तुम।
कविता के पेज में आओ सब
वहाँ मुझसे बात भी कर लो तुम।
प्रोफाइल में कुछ भी ना रहे
सब पेज में ही पा लोगे तुम।
मैं कैद हूँ अपनी कविता में
एक बार पेज से जुड़ो तो तुम।
सबसे पहले है लिंक दिया
मुझसे आकर जुड़ जाओ तुम।
जितना सहयोग मुझे दोगे
उतना लिख दूँ पढ़ जाओ तुम।
मुझे साथ चाहिए तुम सबका
मेरी कविता को पढ़ लो तुम।
लेखिका-
साक्षी सांकृत्यायन
प्रयागराज, उत्तर प्रदेश ।
मुझसे जुड़ने से बेहतर है
मेरी कविता को पढ़ लो तुम।
मैं कविता में ही रहती हूँ
मैसेंजर में ना ढूढों तुम।
मैं साक्षी हूँ कविताओं की
अब पेज को फॉलो कर लो तुम।
कविता के पेज में आओ सब
वहाँ मुझसे बात भी कर लो तुम।
प्रोफाइल में कुछ भी ना रहे
सब पेज में ही पा लोगे तुम।
मैं कैद हूँ अपनी कविता में
एक बार पेज से जुड़ो तो तुम।
सबसे पहले है लिंक दिया
मुझसे आकर जुड़ जाओ तुम।
जितना सहयोग मुझे दोगे
उतना लिख दूँ पढ़ जाओ तुम।
मुझे साथ चाहिए तुम सबका
मेरी कविता को पढ़ लो तुम।
लेखिका-
साक्षी सांकृत्यायन
प्रयागराज, उत्तर प्रदेश ।
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