कौशांबी - तबजील अहमद ।
कोरोना से जंग में बच्चे भी कूदे, मजिस्ट्रेट के हवाले की अपनी जमा पूँजी।
लाकडाउन में गरीबों की मदद के लिए एसडीएम को दान किया अपना गुल्लक।
पूरे विश्व में अपने पैर पसार चुकी प्रलय की तरह छाने वाली बीमारी कोरोना के कारण दुनिया दरवाज़ों के अन्दर क़ैद होकर सिमट गई है
भारत में भी कोरोना के कारण लाकडाउन लगा हुवा है ऐसे में गरीब जनता सरकार और लोगों के दान पर ही निर्भर हो गए हैं समाचारों में देखा जा रहा कि देशभर में मजबूर लोगों की सहायता सरकार द्वारा की जा रही है।
सरकार की ओर से की जाने वाली मदद से प्रेरित होकर पाँच बच्चों ने अपनी महीनों की जमा पूंजी उपजिलाधिकारी के हाँथो सौंपकर संकट की इस घड़ी में भारत सरकार को आश्वासन दिया कि हम भी आपके साथ हैं।
कौशाम्बी की सिराथू तहसील के अलावलपुर टिकरी के क्यामुल हक़ घर के बच्चों ने जब अपनी मन्शा उन्हें बताई तो रणविजय निषाद के साथ मिलकर एसडीएम सिराथू को बच्चों के गुल्लक दान के बारे में बताया गया।
मासूस और इस पवित्र दान की सूचना मिलते ही एसडीएम राजेश श्रीवास्तव टिकरी गाँव पहुचे और क्यामुल हक़ घर में पढ़ाई कर रहे बच्चों ने मजिस्ट्रेट का स्वागत किया और अपनी कई महीनों की जमा पूंजी देश में कोरोना की मार झेल रहे मजबूर लोगों की सहायता के लिए भेंट कर दिया।
पाँच बच्चों ने अपने गुल्लक एसडीएम को सौंप कर एक एक साबुन देकर उन्हें आवगत कराया कि सावधानी जरूरी है इस बीमारी से बचने के लिए।
पाँच गुल्लक की दौलत पाकर एसडीएम सिराथू ने पत्रकारों से बताया कि इस धन में मैं अपनी ओर से 15 प्रतिशत धन अतिरिक्त मिलाकर इसी गांव में मौजूद गरीबों की लाकडाउन में हो रही दिक्कत में मदद कराई जाएगी।
बच्चों ने बताया कि वह घर पर ही रहकर डॉक्टरों की सलाह पर अमल करते हैं। मीडिया से बात में नन्हे बच्चों ने अपनी जागरकता पेश करते हुए बताया कि कोरोना महामारी में सोशल डिस्टेन्स रखना चाहिए, बार बार साबुन से हाथ धुलाई होनी चाहिए, खाँसते, छीकते में रुमाल लगाएं और अनावश्यक सड़कों पर न जाएं ताकि सरकार को संक्रमण रोकने में बाधा उत्पन्न न हो।
रियजुल की बेटी अमद फ़ातिमा और रणविजय की बेटी अर्पिता ने बताया कि इस दिन को इसलिए चुना कि अविरल जो उनका साथी है उसका जन्मदिन भी है।
कौशाम्बी में बच्चों की ओर से हुई गुल्लक दान की पहल से जनपद भर के पूंजीपति संकट की इस घड़ी में गरीब ,मजबूर बेरोज़गार हुवे लोगों की सहायता करने का सबक ले सकते हैं।
कोरोना से जंग में बच्चे भी कूदे, मजिस्ट्रेट के हवाले की अपनी जमा पूँजी।
लाकडाउन में गरीबों की मदद के लिए एसडीएम को दान किया अपना गुल्लक।
पूरे विश्व में अपने पैर पसार चुकी प्रलय की तरह छाने वाली बीमारी कोरोना के कारण दुनिया दरवाज़ों के अन्दर क़ैद होकर सिमट गई है
भारत में भी कोरोना के कारण लाकडाउन लगा हुवा है ऐसे में गरीब जनता सरकार और लोगों के दान पर ही निर्भर हो गए हैं समाचारों में देखा जा रहा कि देशभर में मजबूर लोगों की सहायता सरकार द्वारा की जा रही है।
सरकार की ओर से की जाने वाली मदद से प्रेरित होकर पाँच बच्चों ने अपनी महीनों की जमा पूंजी उपजिलाधिकारी के हाँथो सौंपकर संकट की इस घड़ी में भारत सरकार को आश्वासन दिया कि हम भी आपके साथ हैं।
कौशाम्बी की सिराथू तहसील के अलावलपुर टिकरी के क्यामुल हक़ घर के बच्चों ने जब अपनी मन्शा उन्हें बताई तो रणविजय निषाद के साथ मिलकर एसडीएम सिराथू को बच्चों के गुल्लक दान के बारे में बताया गया।
मासूस और इस पवित्र दान की सूचना मिलते ही एसडीएम राजेश श्रीवास्तव टिकरी गाँव पहुचे और क्यामुल हक़ घर में पढ़ाई कर रहे बच्चों ने मजिस्ट्रेट का स्वागत किया और अपनी कई महीनों की जमा पूंजी देश में कोरोना की मार झेल रहे मजबूर लोगों की सहायता के लिए भेंट कर दिया।
पाँच बच्चों ने अपने गुल्लक एसडीएम को सौंप कर एक एक साबुन देकर उन्हें आवगत कराया कि सावधानी जरूरी है इस बीमारी से बचने के लिए।
पाँच गुल्लक की दौलत पाकर एसडीएम सिराथू ने पत्रकारों से बताया कि इस धन में मैं अपनी ओर से 15 प्रतिशत धन अतिरिक्त मिलाकर इसी गांव में मौजूद गरीबों की लाकडाउन में हो रही दिक्कत में मदद कराई जाएगी।
बच्चों ने बताया कि वह घर पर ही रहकर डॉक्टरों की सलाह पर अमल करते हैं। मीडिया से बात में नन्हे बच्चों ने अपनी जागरकता पेश करते हुए बताया कि कोरोना महामारी में सोशल डिस्टेन्स रखना चाहिए, बार बार साबुन से हाथ धुलाई होनी चाहिए, खाँसते, छीकते में रुमाल लगाएं और अनावश्यक सड़कों पर न जाएं ताकि सरकार को संक्रमण रोकने में बाधा उत्पन्न न हो।
रियजुल की बेटी अमद फ़ातिमा और रणविजय की बेटी अर्पिता ने बताया कि इस दिन को इसलिए चुना कि अविरल जो उनका साथी है उसका जन्मदिन भी है।
कौशाम्बी में बच्चों की ओर से हुई गुल्लक दान की पहल से जनपद भर के पूंजीपति संकट की इस घड़ी में गरीब ,मजबूर बेरोज़गार हुवे लोगों की सहायता करने का सबक ले सकते हैं।
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