शीर्षक –‘ हौंसला अभी जिंदा हैं'
“हौंसला अभी जिंदा हैं
दर्द में मुस्कुराने का
आगे बढ़ते जाने का
हौंसला अभी जिंदा हैं।।
लगें ठोकर तो सम्हलने का
हार को जीत में बदलने का
स्वर्ण मृग को देखने का
हौंसला अभी जिंदा हैं।।
जुगनूओं में रोशनी देखने का
उनको आंचल में समेटने का
अन्याय पर न्याय करने का
हौंसला अभी जिंदा हैं ।।
सपनों को सजाने का
मंजिलों को पाने का
रंक से राजा बनने का
हौंसला अभी जिंदा हैं ।।
रेशमा त्रिपाठी
प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश।
“हौंसला अभी जिंदा हैं
दर्द में मुस्कुराने का
आगे बढ़ते जाने का
हौंसला अभी जिंदा हैं।।
लगें ठोकर तो सम्हलने का
हार को जीत में बदलने का
स्वर्ण मृग को देखने का
हौंसला अभी जिंदा हैं।।
जुगनूओं में रोशनी देखने का
उनको आंचल में समेटने का
अन्याय पर न्याय करने का
हौंसला अभी जिंदा हैं ।।
सपनों को सजाने का
मंजिलों को पाने का
रंक से राजा बनने का
हौंसला अभी जिंदा हैं ।।
रेशमा त्रिपाठी
प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश।
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