क्या मेरठ का वेलिंटिस कैंसर अस्पताल खुद सांप्रदायिकता के कैंसर से ग्रस्त ।

मेरठ - संवाददाता ।

मुसलमानों के खिलाफ छेड़े गए प्रोपेगेंडा युद्ध की बदौलत कोरोना मुसलमान हो गया है। दर्जनों ऐसी ख़बरें आईं हैं जिसमें अस्पताल प्रशासन ने मुसलमानों का इलाज करने से साफ मना कर दिया। मेरठ में वेलिंटिस कैंसर अस्पताल है, इस अस्पताल ने दो दिन पहले दैनिक जागरण अख़बार में आधे पेज का विज्ञापन दिया, जिसमें कोरोना का जिम्मेदार तब्लीग़ी जमात को ठहराया गया। इतना ही इस विज्ञापन में तब्लीग़ी जमात के बहाने प्रत्यक्ष रूप से मुसलमानों का समाजिक बहिष्कार करने, उनके खिलाफ नफरत को लामबंद करने की अपील की गई है। सवाल है कि अगर कल किसी मुस्लिम को कोरोना फैलाने के नाम पर लिंच करके मार दिया जाता है तो उसका ज़िम्मादार कौन होगा? यह विज्ञापन यह भी स्पष्ट करता है कि वेलेंटिस कैंसर अस्पताल खुद सांप्रदायिकता के 'कैंसर' से ग्रस्त है।

वेलिंटिस निजी अस्पताल है, उसके 'अपने' डाॅक्टर हैं। अस्पताल प्रशासन की मर्जी है कि वह जिसका चाहे इलाज करे, जिस पर चाहे इलज़ाम धरे। सवाल मुस्लिम मठाधीशों से है कि उन्होंने क्या किया? धार्मिक आयोजनों पर अरबों फूंक दिए गए लेकिन मूलभूत समस्याओ से निजात पाने के लिए कभी कोई योजना क्यों नहीं बनाई? लग्ज़री चेयर पर बैठकर ढाई-तीन घंटे की तक़रीरों, पाजामा कहां बांधना, नीयत कहां बांधनी है? इस्तेंजा ढेले से करना है कि पानी से? खतना के आयोजन में क्या बांटना है? इन्हीं में उलझकर एक पूरा समाज माचिस की डिब्बी में बंद होता चला गया। 1947 से लेकर 2020 तक मुसलमानो के खिलाफ होने वाली हिंसा पर अंकुश नहीं लग पाया, क्योंकि मुसलमानों के पास कोई योजना ही नहीं थी, और न फिलहाल नज़र आ रही है। देखते देखते तब्लीगी जमात के बहाने कोरोना मुसलमान बना दिया गया, मौलाना साद पर संगीन धाराओं में मुक़दमे लाद दिए गए। इतना ही नहीं मनी लांड्रिंग तक का मुकदमा मौलाना साद पर लगा दिया। क्या यह पैसा मौलाना साद का था? नहीं यह समाज के उत्थान के लिए था, लेकिन अब ज़ब्त कर लिया जाएगा। वह पैसा अगर डाॅक्टर, इंजीनियर, वकील, सिपाही, सैनिक, अफसर, पत्रकार बनाने में लगाया होता तो आज के हालात वैसे नहीं होते जो अब दिख रहे हैं।

इस देश में भारतीय रेलवे के बाद अगर सबसे ज्यादा अगर किसी समाज के पास वक्फ की ज़मीन है तो वह मुस्लिम समुदाय है। लेकिन उस ज़मीन का इस्तेमाल क्या हो रहा है? क्या इसका जवाब किसी के पास है? हर साल धार्मिक आयोजनों पर अरबों रूपया बहा दिया जाता है अगर इस पैसे से अच्छे संस्थान बना दिए होते तो बहुत बड़ा वर्ग आभारी हो जाता। लेकिन विज्ञान को 'शिर्क' बताकर एक पूरे समाज को 'दूसरों' के रहमो करम पर जिंदगी गुजारने के लिए मजबूर कर दिया गया। डाॅक्टर मनमानी रक़म वसूल कर इलाज कर रहा है ऊपर से इस अहसान के नीचे भी दबा रहा है कि हमने 'तुम्हारा' इलाज किया, यही हाल वकीलों, अफसरों, थानेदारों, सिपाहियों सरकारी दफ्तर के बाबुओं का है। और मुसलमान यह सब सहने के लिए मजबूर हैं क्योंकि उनके पास कोई विकल्प ही नहीं। और इन समस्याओं से निपटने के लिए कोई योजना भी नहीं, कोई तरीक़ा भी नहीं, अब उसकी मजबूरी है कि उसका मरीज़ या तो इलाज के अभाव में दम तोड़ दे, या फिर आंख, कान बंद करके 'दूसरे' लोगों की फब्बतियां, टिप्पणियों को बर्दाश्त करके इलाज कराए, और डाॅक्टर का अहसान भी अपने सर पर लाद ले। क्योंकि जिनके पास संसाधन हैं, क्षमता है, जनता है उन मठाधीशों का सारा संघर्ष अपना मठ बचाने, CBI ईडी से गर्दन बचाने में लगा हुआ है। हाल के दिनों में जो दो अहम दुर्घटनाएं मुसलमानों के साथ हुईं हैं उनमें दिल्ली दंगा और फिर कोरोना के नाम पर मुसलमानों का बहिष्कार, उनके खिलाफ हर दिन बढती जा रही नफरत है। अगर मठाधीशो ने अपनी खुदगरजी को अलविदा न कहा तो आने वाले वर्षों में हालात और भी ख़राब होंगे। यह भी हो सकता है कि इस समाजिक बहिष्कार का इतना भयानक रूप भी देखने में आए कि मुसलमान सिर्फ जिंदा रहने को ही अपना अधिकार समझने लगे। क्योंकि आर्थिक, समाजिक, राजनीतिक तौर से वह बिल्कुल तहस नहस हो चुका होगा।

SHARE

Milan Tomic

Hi. I’m Designer of Blog Magic. I’m CEO/Founder of ThemeXpose. I’m Creative Art Director, Web Designer, UI/UX Designer, Interaction Designer, Industrial Designer, Web Developer, Business Enthusiast, StartUp Enthusiast, Speaker, Writer and Photographer. Inspired to make things looks better.

  • Image
  • Image
  • Image
  • Image
  • Image
    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 comments:

Post a Comment

स्टार मेकर के प्रसिद्ध ग्रुप सॉन्गबर्ड के एक साल पूरे होने पर अभिजीत और माही ने केक काटकर सेलिब्रेट किया

(दिल्ली की काजल खोसला द्वारा न्यूज़ रिपोर्ट) देश की राजधानी दिल्ली के द्वारका में होटल मैरीगोल्ड में स्टारमेकर मे छाये हुए सबसे प्रसिद्ध ग्र...

_