सजा दो माँग में सेन्दुर
लगा कर भाल पर टीका
छुओ होठों से नथिया को
ये दीवानी तुम्हारी है
सजा कर माथ पर बिन्दी
छुओ रक्तिम कपोलों को
अरुणिमा भर दो अधरों की
ये दीवानी तुम्हारी है
सजा दो कान में कुण्डल
गले में बाहों की माला
नशीली आँखों में झाँको
ये दीवानी तुम्हारी है
सजा दो हाँथ में कंगन
बजा दो चूड़ियाँ कर की
खनक अनमोल करधन की
ये दीवानी तुम्हारी है
सजा कर पाँव में बिछुआ
मधुर झंकार नूपुर की
महावर पाँव रच डालो
ये दीवानी तुम्हारी है
सजा कर सेज सपनों की
अजब अहसास में डूबी
चले आओ प्रतीक्षा है
ये दीवानी तुम्हारी है ।
लेेखिका-
डॉ. अंंशु सिंह
लगा कर भाल पर टीका
छुओ होठों से नथिया को
ये दीवानी तुम्हारी है
सजा कर माथ पर बिन्दी
छुओ रक्तिम कपोलों को
अरुणिमा भर दो अधरों की
ये दीवानी तुम्हारी है
सजा दो कान में कुण्डल
गले में बाहों की माला
नशीली आँखों में झाँको
ये दीवानी तुम्हारी है
सजा दो हाँथ में कंगन
बजा दो चूड़ियाँ कर की
खनक अनमोल करधन की
ये दीवानी तुम्हारी है
सजा कर पाँव में बिछुआ
मधुर झंकार नूपुर की
महावर पाँव रच डालो
ये दीवानी तुम्हारी है
सजा कर सेज सपनों की
अजब अहसास में डूबी
चले आओ प्रतीक्षा है
ये दीवानी तुम्हारी है ।
लेेखिका-
डॉ. अंंशु सिंह

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