शीर्षक –‘
' दिल के कोने में एक कोना तो खाली होगा '
“तेरे दिल के एक कोने में ,एक कोना तो खाली होगा
ना जाने कितने लोग बसे होंगे उसमें
ना जाने कितने सपने देखे होंगे तुमने
ना जाने कितने सुविचार बने होंगे उसमें
किंतु दिल के एक कोने में एक कोना तो खाली होगा ।।
चाहे अनचाहे ना जाने कितने बेगैरत आए होंगे
जाने अनजाने ना जाने कितने बेगाने आए होंगे
इन सारे आपाथापी में एक कोना तो खाली होगा
तेरे ह्रदय के अंतर्मन में एक कोना तो खाली होगा ।।
कोलाहल के घोर नाद में कुछ तो खाली होगा
आत्मा के गहन अंधकार में कुछ तो खाली होगा
जिस अंतर्मन में तूने ख्वाब बुने होंगे
उस दिल के एक कोने में, एक कोना तो खाली होगा ।।
जहां राधिका राम बसे होंगे
जहां तेरा ध्यान टीका होगा
उस अल्हड़पन की दुनिया में ,एक कोना तो खाली होगा
तेरे दिल के एक कोने में, एक होना तो खाली होगा ।।
रेशमा त्रिपाठी
प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश
' दिल के कोने में एक कोना तो खाली होगा '
“तेरे दिल के एक कोने में ,एक कोना तो खाली होगा
ना जाने कितने लोग बसे होंगे उसमें
ना जाने कितने सपने देखे होंगे तुमने
ना जाने कितने सुविचार बने होंगे उसमें
किंतु दिल के एक कोने में एक कोना तो खाली होगा ।।
चाहे अनचाहे ना जाने कितने बेगैरत आए होंगे
जाने अनजाने ना जाने कितने बेगाने आए होंगे
इन सारे आपाथापी में एक कोना तो खाली होगा
तेरे ह्रदय के अंतर्मन में एक कोना तो खाली होगा ।।
कोलाहल के घोर नाद में कुछ तो खाली होगा
आत्मा के गहन अंधकार में कुछ तो खाली होगा
जिस अंतर्मन में तूने ख्वाब बुने होंगे
उस दिल के एक कोने में, एक कोना तो खाली होगा ।।
जहां राधिका राम बसे होंगे
जहां तेरा ध्यान टीका होगा
उस अल्हड़पन की दुनिया में ,एक कोना तो खाली होगा
तेरे दिल के एक कोने में, एक होना तो खाली होगा ।।
रेशमा त्रिपाठी
प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश
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