दौड़ती भागती जिन्दगी को विश्राम मिल गया
अलमारी में बिखरे कपड़े सँवर गये
धूल भरा आंगन चमक गया
बच्चों को मन पसंद खाना मिल गया
भले ही कोरोना की वजह से
फुर्सत के रात दिन मिल गये
यहां जाना वहां जाना से छुटकारा मिल गया
अपने भीतर झांकने का बहाना मिल गया
बहुत से घर के काम अधुरे पड़े थे
आज उनके लिये समय मिल गया
भले ही कोरोना की वजह से
बहुत दिनों बाद अपनी मनपसंद मूवी सपरिवार देखी
जाने कितने दिनों बाद सबके ठहाकों की आवाज़ सुनी
एक लम्बी लिस्ट थी बच्चों की
आज सुनने का टाईम मिल गया
भले ही करोना की वजह से
फुर्सत के चंद लम्हे मिल गये
सभी कुछ और घुल मिल गये
रोज़ की आपाधापी से मुक्त हो गये
कुछ दिन ही सही जीवन को सही मायने में आनंदित करने के बहाने मिल गये
भले ही कोरोना की वजह से
मधुलिका
अलमारी में बिखरे कपड़े सँवर गये
धूल भरा आंगन चमक गया
बच्चों को मन पसंद खाना मिल गया
भले ही कोरोना की वजह से
फुर्सत के रात दिन मिल गये
यहां जाना वहां जाना से छुटकारा मिल गया
अपने भीतर झांकने का बहाना मिल गया
बहुत से घर के काम अधुरे पड़े थे
आज उनके लिये समय मिल गया
भले ही कोरोना की वजह से
बहुत दिनों बाद अपनी मनपसंद मूवी सपरिवार देखी
जाने कितने दिनों बाद सबके ठहाकों की आवाज़ सुनी
एक लम्बी लिस्ट थी बच्चों की
आज सुनने का टाईम मिल गया
भले ही करोना की वजह से
फुर्सत के चंद लम्हे मिल गये
सभी कुछ और घुल मिल गये
रोज़ की आपाधापी से मुक्त हो गये
कुछ दिन ही सही जीवन को सही मायने में आनंदित करने के बहाने मिल गये
भले ही कोरोना की वजह से
मधुलिका

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