गाजियाबाद - सविता शर्मा ।
ये कहना है कोविड वॉरीअर राष्ट्रीय कवि श्री आर०पी०शर्मा जी का जो कि निहो स्कॉटिश गार्डन, अहिंशा खंड २, इंद्रापुरम में रहते हैं। 11 अप्रैल को जब उनकी धरम पत्नी को कोरोना हुआ तो घर में अफरा तफरी मच गई क्योंकि घर में थे बुजुर्ग माता जिनके नयनों में ज्योति नहीं है -पिता जो पैरालाइज्ड हैं एवं दो बच्चे।इन सभी को कोरोना के क़हर से बचाने की जद्दोजहद में 20 अप्रैल को श्री आर.पी शर्मा जी खुद भी इस जानलेवा वाइरस की चपेट में आ गये और फिर शुरू हुआ संघर्ष का दौर। पहले तो कोरोना टेस्ट ही नहीं हुआ, जब हुआ तो रिपोर्ट नहीं आयी, जब तक रिपोर्ट आई, जब तक इन्फेक्शन बुरी तरह लंग्स में फैल चुका था। ऑक्सीजन का स्तर गिरने लगा था, साँसे रुकने सी लगी थी।ऑक्सिजन की ज़रूरत थी पर व्यवस्था नहीं, society की तरफ़ से मदद मिली, साँसे कुछ थमी, प्राण बचाने के लिए अब अस्पताल की बेहद ज़रूरत थी पर जैसे-जैसे दिन गुजरा सभी व्यवस्था एवं रिश्ते लाचार से नज़र आने, दो दिन के अथक प्रयास के बाद प्रभु कृपा से डॉ शैलेन्द्र गोयल जी के नेतृत्व में नॉएडा स्थित जे॰पी० अस्पताल में 28/4/21 को दाख़िला मिला, तब तक स्थिति बेहद खराब हो चुकी थी, पर उनकी हिम्मत ने उनका साथ नहीं छोड़ा क्यूँकि वह ख़ुद पूरे परिवार की हिम्मत थे, अगर वह हिम्मत हार जाते तो पूरा परिवार हार जाता। उन्होंने अपनी सोच को सकारत्मक रखा। बोलने में असमर्थ थे फिर भी दूसरे मरीज़ों को हिम्मत देते रहे, अपनी हास्य एवं सकारात्मक कविताओं से मरीज़ों के साथ-साथ डॉक्टर व् स्टाफ का मनोबल बढ़ाया जिससे वहाँ एक ख़ुशनुमा माहौल बन गया और सभी लोग मन से पॉज़िटिव होकर अपने (कोरोना) नेगेटिव होने की कामना एवं प्रयास करने लगे।इसी तरह एक-एक करके दिन गुज़रने लगे,अब वहाँ भर्ती मरीज़ ही उनका परिवार था और डॉक्टर एवं स्टाफ़ उनके ईश्वर रूपी तीमारदार।डॉ०शैलेंद्र गोयल जी की कुशल चिकित्सा की वजह से इनकी सेहत में सुधार होने लगा और 12 दिन बाद इनकी कोरोना रिपोर्ट भी नेगेटिव आ गयी। जब कवि श्री आर०पी०शर्मा जी को नॉर्मल वार्ड में शिफ़्ट किया जाने लगा तो दूसरे मरीज वहाँ मौजूद हॉस्पिटल स्टाफ़ से रिक्वेस्ट करने लगे की उन्हें वहाँ से शिफ़्ट ना किया जाए क्यूँकि वह उन सब मरीज़ों की हिम्मत बन चुके हैं। कल पूरे चौदह दिन बाद कोरोना का संहार कर शर्मा जी सकुशल अपने घर पहुंच गये हैं। राष्ट्रीय कवि श्री आर०पी०शर्मा जी की संघर्षपूर्ण कहानी से हमें ये शिक्षा मिलती है की कोरोना को हराना पूरी तरह से मुमकिन है ज़रूरत है तो सिर्फ़ सकारात्मक सोच रखने की।। सावधान रहें..सुरक्षित रहें ।

सलाम करती हूं आपकी हिम्मत आपकी सकारात्मक सोच को
ReplyDeleteमिसाल हैं आप हम सबके लिए प्रभु आपको स्वस्थ रखे