तासीम अहमद - संपादक ।
कुशलगढ़ / बांसवाड़ा - अरुण जोशी ।कुशलगढ़ विप्र फाउंडेशन परिवार एवं होम्योपैथिक विभाग द्वारा इस महामारी के पल में मनुष्य की रोग प्रतिकारक शक्ति को मजबूत करने के लिए होम्यो पैथिक दवाई जन जन तक पहुंचाने का संकल्प विप्र फाउंडेशन परिवार द्वारा एवं कर्मशील होकर बाजार में लोगों तक यह दवाई पहुंचा रहे हैं। कुशलगढ़ हॉस्पिटल के होमियोपैथिक डॉ.सिद्धार्थ पंचाल के कहा कि भारत सरकार का आयुष मंत्रालय (आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध एवं होम्योपैथी मंत्रालय) पारंपरिक और वैकल्पिक दवाओं को बढ़ावा देता है।आयुष मंत्रालय ने इसी साल को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की जिसमें कहा गया था कि कोरोना वायरस के लक्षणों के उपचार के लिए होम्योपैथी में दवाएँ हैं।"कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षणों को रोकने में होम्योपैथी, यूनानी चिकित्सा उपयोगी"है।होम्योपैथिक का सिद्धांत कहता है कि यदि अत्यधिक पानी के साथ खाने की कोई चीज़ इंसान के पेट में पहुंचती है तो उसकी "मेमोरी" शरीर की रोग प्रतिरक्षा प्रक्रिया को शुरु कर सकती है।आयुष मंत्रालय ने जिस 30सी डाइल्यूशन की बात की थी उसके अनुसार आमतौर पर पेट में पहुंचने पर आर्सेनिकम के अणु शून्य हो जाएंगे।हाल में बीमारियों के होम्योपैथिक इलाज की मांग बढ़ी है। भारत के दक्षिणी तेलंगाना राज्य में 3,500 लोगों को होम्योपैथी की 11,500 खुराक बांटी गई। हालाँकि होम्योपैथी इलाज की एक ख़ास शैली है जो 18वीं सदी के आख़िर में यूरोप से उभरी,और बाद में भारत में लोकप्रिय हुई। इस अवसर पर विप्र फाउण्डेशन के युवा प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव हेमेंद्र पंड्या, जिला महिला प्रकोष्ठ प्रभारी व जिला उपाध्यक्ष तिलोत्तमा पंड्या,तहसील अध्यक्ष हर्षवर्धन पंड्या,विप्र फाउण्डेशन मीडिया प्रभारी अरुण जोशी, प्रशांत पंड्या,जयेश पंड्या, सुनील जोशी, रजनीश ठाकुर, कमलेश निनामा,नितिन महोदिया, विनोद गुप्ता, ईश्वरभाई बारोडिया आदि उपस्थित थे।
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