गाजियाबाद -सविता शर्मा ।
आरडब्ल्यूए फेडरेशन के चेयरमैन कर्नल टीपी त्यागी ने कहा कि मरने के बाद भी कुछ श्रृण होते हैं जो मनुष्य का पीछा करते रहते हैं I पांच प्रकार के श्रृण बताये गए हैं – देव श्रृण ,पितृ श्रृण, ऋषि श्रृण, भूत श्रृण और लोक श्रृण I पहले चार श्रृण तो मनुष्य के इस जन्म के कर्म के आधार पर अगले जन्म में पीछा करते हैं जबकी लोक श्रृण मरने के बाद चढ़ता है I
दहा संस्कार में जो लकडियाँ उपयोग की जाती हैं दरअसल वही उस पर सबसे अंतिम लोक श्रृण होता है I मनुष्य के मरने के बाद सुनाये जाने वाले गरुड़ पुराण में साफ़ कहा गया है की जिस मनुष्य पर लोक श्रृण बाकी रहता है उसकी अगले जन्म में मौत भी प्रकृति जनित रोगों से होती है I
लोक श्रृण उतरने का एक मात्र उपाय है की अपनी आयु का 10 प्रतिशत के बराबर छाया दार और फल दार वृक्ष लगाने ही चाहिए I हमने तो वृक्ष कम लगाये और काटे ज्यादा I नतीजा आपके सामने है I आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रत्येक मनुष्य को कम से कम 20 वृक्ष लगाने चाहिए , 10 तो लोक श्रृण के लिए और 10 अपने पितरों की कमी के लिए I यही पर्यावरण संरक्षण है जिसे भारत के संविधान की धारा 51 (A) में बताया गया है I
हम आर डव्लू ऐ फेडरेशन गाज़ियाबाद और फ्लैट ओनर्स फेडरेशन गाज़ियाबाद के सभी सदस्यों से आग्रह करते हैं की अपने लोक श्रृण को उतारने के लिए कम से कम 20 फलदार वृक्ष अवश्य लगायें और अपने साथियों को भी प्रेरित करें I आज हमने , हमारी पत्नी रमा त्यागी ने और हमारे पुत्र इशान त्यागी ने सार्वजनिक पार्क में आम , जामुन और कड़ी पत्ता के पौधो का रोपण किया |
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