वृद्ध मृतका की फाइल फोटो
रतलाम - कीर्ति वर्रा ।
सच की ऐसी हकीकत जिसे पढ़ने के बाद पैरों तले जमीन खिसक जाएगी-
महिला की अंतिम विदाई और परिवार का आरोप किस का चेहरा हम अब देखें परिवार का आक्रोश -
रतलाम जावरा धर्म कर्म में अंतिम संस्कार को पवित्र संस्कार माना गया है । मानव जीवन मे जन्मे मनुष्य के जीवन यात्रा का अंतिम पड़ाव सोलह संस्कारों में से एक है , जिसे रतलाम में कलंकित करने का एक मामला प्रकाश में आया है , जिसमे जिम्मेदारों का अमांननीय चेहरा ही उजागर हुआ है । जावरा निवासी एक महिला शांतिबाई माली का रतलाम में निधन हो गया था । जिसे प्रशासन ने ताबड़तोड़ प्रोटोकॉल का हवाला देकर परिवार को सूचना दिए बिना , निगम के शव वाहन से शव भक्तन की बावड़ी मुक्तिधाम भेज कर अंतिम संस्कार करवा दिया । जिम्मेदारों का अमानवीय चेहरा उस समय उजागर हुआ जब जलती चीता पर ही पीपीई किट भी डाल दी गई । मृतिका की रिपोर्ट भी नेगेटिव थी , फिर भी स्वस्थ्य विभाग और मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने परिवार को सूचना नही देकर मानवीय संवेदनाओं पर सवाल खड़ा कर दिया है । बेटे ने आरोप लगाया कि जब भी मेडिकल कॉलेज फोन लगाया एक ही बात कही अभी बात नहीं हो सकती । किसी दूसरे से मौत की खबर मिली तो मुक्तिधाम पहुंचे । दोपहर शव लाया गया लेकिन माँ के अंतिम दर्शन भी नही करने दिए ।
रतलाम - कीर्ति वर्रा ।
सच की ऐसी हकीकत जिसे पढ़ने के बाद पैरों तले जमीन खिसक जाएगी-
महिला की अंतिम विदाई और परिवार का आरोप किस का चेहरा हम अब देखें परिवार का आक्रोश -
रतलाम जावरा धर्म कर्म में अंतिम संस्कार को पवित्र संस्कार माना गया है । मानव जीवन मे जन्मे मनुष्य के जीवन यात्रा का अंतिम पड़ाव सोलह संस्कारों में से एक है , जिसे रतलाम में कलंकित करने का एक मामला प्रकाश में आया है , जिसमे जिम्मेदारों का अमांननीय चेहरा ही उजागर हुआ है । जावरा निवासी एक महिला शांतिबाई माली का रतलाम में निधन हो गया था । जिसे प्रशासन ने ताबड़तोड़ प्रोटोकॉल का हवाला देकर परिवार को सूचना दिए बिना , निगम के शव वाहन से शव भक्तन की बावड़ी मुक्तिधाम भेज कर अंतिम संस्कार करवा दिया । जिम्मेदारों का अमानवीय चेहरा उस समय उजागर हुआ जब जलती चीता पर ही पीपीई किट भी डाल दी गई । मृतिका की रिपोर्ट भी नेगेटिव थी , फिर भी स्वस्थ्य विभाग और मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने परिवार को सूचना नही देकर मानवीय संवेदनाओं पर सवाल खड़ा कर दिया है । बेटे ने आरोप लगाया कि जब भी मेडिकल कॉलेज फोन लगाया एक ही बात कही अभी बात नहीं हो सकती । किसी दूसरे से मौत की खबर मिली तो मुक्तिधाम पहुंचे । दोपहर शव लाया गया लेकिन माँ के अंतिम दर्शन भी नही करने दिए ।
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