मेरठ ।
उत्तर प्रदेश के जनपद मेरठ में 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद जी के जन्मदिवस पर सपा नेत्री नेहा गोंड ने कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर जन्मदिवस भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी इस मौके पर अखिलेश, अतुल प्रधान, आशु मलिक, हृतिक शर्मा, जितेंद्र गुज्जर, सविता, आशु, प्रियंका व कविता आदि उपस्थित रहे । साथ ही आजकल के माहौल को देखते हुए सबने चिंता जताई कि आज समाज में महिलाओं पर लगातार अत्याचार, शोषण व अपराधों की घटनाओं को खूब अंजाम दिया जा रहा है जो जो बहुत ही निंदनीय है । किसानो वह रोजगार को लेकर की बात की । मौजुदा सरकार में मासूम बच्ची, नाबालिक व औरतों के साथ बलात्कार की घटनाएं देखने-सुनने में लगातार आ रही है । जिस पर मौजूदा सरकार लगाम नहीं लगा पा रही है ।
नेहा गॉड ने स्वामी विवेकानंद के जीवन परिचय के बारे में बताया कि भारत की धरती पर कई महात्माओं ने जन्म लिया है, जिनमें से एक महापुरुष स्वामी विवेकानंद भी हैं. भारत को आध्यात्म से जोड़ने वाले महापुरुष स्वामी विवेकानंद का जन्म आज ही के दिन 12 जनवरी सन् 1863 को कोलकाता में हुआ था. स्वामी विवेकानन्द के पिता विश्वनाथ दत्त कलकत्ता हाईकोर्ट के एक प्रसिद्ध वकील थे और उनके बचपन का नाम नरेन्द्र नाथ दत्त था ।
महज 39 साल का जीवन जीने वाले स्वामी विवेकानंद के जन्मदिवस (12 जनवरी) को देश में युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है. 1893 में अमेरिका के शिकागो में विश्व धर्म सम्मेलन में दिया उनका भाषण आज भी किसी भारतीय के द्वारा दिए गए सबसे प्रभावी भाषणों में माना जाता है. अपने संबोधन में स्वामी विवेकानंद ने सांप्रदायिकता, धार्मिक कट्टरता और हिंसा का जिस तरह से उल्लेख किया था वह आज सवा सौ साल के बाद भी उतने ही भयावह रूप में उपस्थित हैं. उन्होंने कहा था कि अगर यह बुराइयां न होतीं तो दुनिया आज से कहीं बेहतर जगह होती ।
युवाओं के लिए स्वामी विवेकानंद का संदेश
स्वामी विवेकानंद जी का कहना था कि 'अगर तुम खुद ही नेता के रूप में खड़े हो जाओगे, तो तुम्हें सहायता देने के लिए कोई भी आगे नहीं बढेगा. अगर सफल होना चाहते हो, तो पहले अहं का नाश करो.' स्वामी विवोकानंद के विचारों ने युवाओं को काफी प्रेरित किया है. उनके कुछ अनमोल वचन यहां देखें -
'उठो, जागो और तब तक रुको नहीं जब तक मंजिल प्राप्त न हो जाए'
'तुम अपनी अंत:स्थ आत्मा को छोड़ किसी और के सामने सिर मत झुकाओ. जब तक तुम यह अनुभव नहीं करते कि तुम स्वयं देवों के देव हो, तब तक तुम मुक्त नहीं हो सकते'
मैं चाहता हूं कि मेरे सब बच्चे, मैं जितना उन्नत बन सकता था, उससे सौगुना उन्न्त बनें. तुम लोगों में से प्रत्येक को महान शक्तिशाली बनना होगा- मैं कहता हूं, अवश्य बनना होगा ।
जब तक आप स्वंय पर विश्वास नहीं कर पाते हैं तब तक आप भगवान पर भी विश्वास नहीं कर सकते हैं ।
एक समय में एक ही काम को करना चाहिए. ऐसा करते समय उस काम में पूरी तरह से लीन रहना चाहिए, जिससे आसानी से आपको सफला मिल सकती है ।
अगर धन किसी की मदद करने में इस्तेमाल किया जाता है तो ही इसका कोई मुल्य होता है. वरना यह सिर्फ बुराई का एक ढेर मात्र है, ऐसे में जितनी जल्दी इससे छुटकारा पा लिया जाए वह बेहतर होगा ।
स्वंय को कमजोर समझना और कठिन परिस्थिति से लड़ने से पहले ही हार मान लेना पाप है ।
जीवन का रहस्य भोग में नहीं बल्कि अनुभव से शिक्षा प्राप्त करने में है ।
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