सामाजिक दर्पण सोशल मिरर फाउंडेशन द्वारा रानी लक्ष्मीबाई बलिदान दिवस पर विशेष काव्यगोष्ठी का आयोजन कर श्रद्धांजलि दी
ग्वालियर ।
सामाजिक दर्पण सोशल मिरर गालव ऋषि की नगरी ग्वालियर से संचालित निरंतर साहित्यिक सांस्कृतिक शैक्षिक सामाजिक क्षेत्र कार्यक्रमो का आयोजन होता है इसी श्रृंखला में इस साप्ताहिक काव्यपाठ प्रस्तुति में अन्तरराष्ट्रीय कवयित्री सारिका फलोर जी नैरोबी केन्या से पधारी कबीर के बीजक और उनकी उल्टवासियां पर शानदार प्रस्तुति नर बिना नारी नारी बिना नर नही उर्मिला व्यथा कविता गीत से सबक मन मोह लिया।
दिल मे रखो किसी से यार घृणा हर दिल की दूर करती यार घृणा अपनी जिद में देखो कैसे नित नित खेल रचाती है देती है सजा हर रिश्ते को।
देश के जाने माने गीत एवं गजलकार गुजरात हिंदी उर्दू में आदरणीय राजेंद्र कुमार गोहिल जी(राजू गोहिल)दाहोड़ गुजरात से पधारे सुविख्यात शायरों की ढेरों गजलों को अपनी आवाज में गाकर संगीतबद्ध किया अनुपम अद्भुत प्रस्तुतियों से पटल को संगीत के जादू से मंत्रमुग्ध कर दिया।
वहीं बाँदा उत्तरप्रदेश से कवयित्री दीपा पटेल जी ने अपनी सुरीली आवाज से और अलग अंदाज़ से सबक मन मोह लिया उनकी हर पंक्तियां मन को छू गयी
ज्ञान ही ज्ञान दे दो माँ शारदे,
सभ्यता दान दे दो माँ शारदे
मेरी पहचान हु सबकी पहचान हो
ऐसी पहचान दे दो माँ शारदे।
एवं झारखंड से कवयित्री उषा भारती सुमन जी ने पटल पर अपनी महिला सशक्तिकरण और देश प्रेम की कविताओं की शानदार प्रस्तुति दी।
कलम मिली है कर्म करो
अन्धकार मय जीवन का अंत करो
आज नारी जीवन है खतरे में
राक्षसी जीवन का अंत करो।
इसी के साथ वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई के बलिदान दिवस की पूर्व संध्या पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें ऋषि गालव की तपोभूमि से सुप्रसिद्ध कवयित्रियों ने अपनी सराहनीय भूमिका निभाई सीता चौहान पवन जी ने श्रेष्ठ संचालन कर कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए वरिष्ठ साहित्यकार प्रमेशलता पांडेय जी अपनी गजल मुक्तक से सबको मंत्रमुग्ध कर लिया।
नारी है ये वीर नारी अबला बेचारी किंतु
छोड़ गई धरती पर अमर निशानियाँ।
जिस तबाही का न हो चश्मदीद गवाही
हज़र के रोज मेरे अश्क गवाही होंगे।
कवयित्री संगीता गुप्ता जी ने अपनी बात के साथ एक गीत रखा-
इतिहास हमारा हिमगिरि सा गद्दारी ने गिरा दिया,
न होते हम गुलाम पर अपनो ने ही दगा दिया।
वहीं कवयित्री निशी भदौरिया जी ने सीमा पर डटे जवानों के कर्तव्यो को नमन करते हुए देशप्रेम पर शानदार कविता प्रेषित कर वीरोचित भाव से
गौरवान्वित किया।
माँ लक्ष्मी दुर्गा रणचण्डी की अमित कहांनी,
जिस शक्ति के आगे, नतमस्तक थी फिरंगी की वानी,
सकल विश्व मे नही मिलेगा उनका सानी,
है नमन मातृशक्ति को वीरांगना माँ भवानी।
है तन में सांस जब तक निभाएं एकता मिलकर।
आदरणीय कवयित्री कवयित्री प्रतिभा द्विवेदी जी की पंक्तियाँ
रुकी नही वो थकी नही वो और न मानी हार
झांसी की रानी को नमन करें सौ बार
इन पंक्तियों से शुरू कर श्रद्दांजलि अर्पित की।
रानी लक्ष्मीबाई जी पर शानदार कविता का वाचन किया।
सीता चौहान पवन जी ने अपनी अद्भुत पंक्तियों से देशप्रेम को व्यक्त किया।
जन्म लिया इस भारत भू पर गीत इसी के गाऊँगी,
मैं शत शत शीश नवाऊंगी।
शेष है जब तक बून्द लहू की इसका मान बढ़ाऊंगी।
अडिग हिन्द सिरमौर बना
सागर चरण पखारे हैं
कश्मीरी अखियां हर क्षण नजर उतारे है।
अंतिम प्रस्तुति के रूप में शकुन्तला तोमर जी ने जो पटल की संस्थापिका एवं संचालिका जी की रही जिसमे उन्होंने लक्ष्मीबाई की गौरव गाथा को इन पंक्तियों हर बोले करते जन गण मन शत कोटि नमन शत कोटि नमन और पटल पर उपस्थिति एवं सहभागिता करने हेतु कोटि कोटि नमन एवं आभार व्यक्त किया।
सामाजिक दर्पण सोशल मिरर फाउंडेशन द्वारा बलिदान दिवस पर लक्ष्मीबाई जी की समाधिस्थल पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर एकल काव्यपाठ में लक्ष्मीबाई जी का जीवन परिचय देते हुए सुभद्रा कुमारी चौहान जी की कविता झांसी की रानी कविता एवं कविता तिवारी जी द्वारा रचित कविता को शकुन्तता तोमर जी अपनी आवाज़ में पटल से प्रेषित कर उन्हें हृदय से श्रद्धांजलि अर्पित की।
वही गंगा दशहरे पर विशेष प्रस्तुति के रूप में डॉ.कन्हैयालाल शर्मा जी उज्जैन से अपने व्याख्यान और संगीतमयी भजन प्रस्तुति से सबको दशहरे के महात्म्य से अवगत करवाया।
सीता चौहान पवन जी ने श्रेष्ठ संचालन के साथ ही विशिष्ट सहयोगी अमिता शुक्ला जी एवं धर्मेन्द्र सिंह तोमर जी ने पटल पर उपस्थित सभी श्रोताओं को विद्वानों को साहित्यकारों एवं मीडिया बंधुओं सभी सहभागिता करने वाले साहित्यकारों कवयित्रियों की उपस्थिति को कोटि कोटि नमन एवं आभार व्यक्त किया।
विशेष:टॉप फैन्स टिप्पणी
आदरणीय रत्नेश्वर सिंह जी के शब्दों में:-सामाजिक दर्पण सोशल मिरर की संस्थापिका मैडम शकुंतला तोमर जी के द्वारा वीरांगना महारानी लक्ष्मी बाई के शौर्य और पराक्रम के बारे में शानदार प्रस्तुति देकर ऐतिहासिक तथ्यों के हवाले अत्यंत महत्वपूर्ण संदेश देशवासियों को दिया गया तथा यह प्रयास भी किया गया यह समृद्ध पटेल उन तमाम लोगों को सम्मानित करता है उनके बलिदान को याद रख कर उनके बारे में कार्यक्रम आयोजित कर अपने समाज को सतत जागृत करने की दिशा में सार्थक पहल कर रहा है। अपनी ओजस्वी वाणी तथा महारानी लक्ष्मी बाई के संबंध में प्रातः स्मरणीय सुभद्रा कुमारी चौहान की अमर कृति का सजीव और शानदार काव्य पाठ कर कार्यक्रम को और जीवंत बना दिया इसके लिए मैं मंच की संस्थापिका एवं संचालिका शकुन्तला तोमर मैडम जी को हृदय से धन्यवाद ज्ञापित करता हूं।
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