चंडीगढ़ ।
बैंककर्मी निजीकरण के खिलाफ हड़ताल पर हैं क्योंकि बैंकों के निजीकरण से संबंधित प्रस्ताव में बैंक कर्मियों और विशेषज्ञों से कोई सलाह ही नहीं ली गई
हरियाणा की महासचिव दीपा शर्मा का कहना है कि बैंकों को निजी हाथों में देने का फैसला घातक है।
इंदिरा गांधी जी ने ग्रामीण क्षेत्रों तक बैंकों की पहुंच को सुलभ बनाने के लिए उनका राष्ट्रीयकरण किया था, लेकिन "हम दो, हमारे दो" की फिक्र करने वाली भाजपा को तो बस अपने खरबपति मित्रों की जेबें भरने की धुन सवार है।
शर्मा ने आगे कहा की सरकार 4 एयरपोर्टों में बाकी हिस्सेदारी बेंचने की तैयारी कर रही है। अन्य कई एयरपोर्टों के निजीकरण की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं।
सवाल ये है ये कि जो "18 घंटे काम करने" का ढोल पीटा जाता है तो वो कौन सा काम है जो प्रधानमंत्री जी 18 घंटे कर रहे हैं।
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