पाली - कालू लाल गर्ग ।
राजस्थान के जनपद पाली के थाने बाली का मामला सामने आया है । जहां दबंगों द्वारा महिला पर मारपीट महिला के साथ झगड़े की वीडियो बनाने को लेकर एक पत्रकार के साथ मारपीट व उसको जान से मारने की कोशिश की गई ।
जैसे-तैसे अपनी जान बचाकर पीड़ित पत्रकार बाली थाने पहुंचा तो उसकी शिकायत को पुलिसकर्मी हरजीत कौर ( 9928423885 ) ने दबा लिया और साथ ही उसका मोबाइल फोन भी छीन लिया ताकि यह कहीं पर फोन ना कर सके और उल्टा उस पर ही मुकदमा कायम कर पूरी रात उसको जेल में रखा ।
इतना ही नहीं हरजीत कौर की सह पर मेरी पत्नी को भी गिरफ्तार कर लिया था ।
पीड़ित पत्रकार का कहना है कि यह सब मामला ईमानदार प्रवृत्ति के थानाध्यक्ष बलभद्र सिंह सारण ( 94133 29609 ) की गैर मौजूदगी में हुआ जो छुट्टी पर थे । उनकी अच्छी छवि को बदनाम करने के लिए ने मुझे धमकी देते हुए कहा कि जो होता हो कर लो मेरा कुछ नहीं बिगड़ेगा ।
क्या आज पुलिस ने पत्रकारों के खिलाफ भी अनैतिक कार्य करना शुरू कर दिये है जो उन पर सांठगांठ के चलते मनमर्जी धारा लगाकर उनको गिरफ्तार कर लेती है और उनकी शिकायत तक को सुनने को तैयार नहीं होती है ।
सभी पत्रकार भाई पुलिस का नाम बदनाम करने वाली पुलिसकर्मी हरमीत कौर (9928423885 ) से पुछे कि उन्होंने ऐसा क्यों किया ने किया ।
आपको बता दें कि कई दिन पहले अरुणा ओझा नाम की महिला ने पुलिस थाने में कुछ दबंगों के खिलाफ अपनी जान का खतरा बताकर एक शिकायत थाने में दी थी लेकिन उस शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं की थी ।
जब दिनांक 30 मार्च 2021 को दबंगों द्वारा उस शिकायतकर्ता पीड़ित महिला को मारने के लिए से मारपीट करने लगे तो उस समय कालू लाल गर्ग पत्रकार वहां पहुंच गया । उसने खबर के उद्देश्य से उनकी वीडियो व फोटोग्राफ लेना चाहा तो शातिर दबंगों ने उस पर ही जान से मारने की नियत से हमला कर दिया जो अपने हाथों में चाकू, तलवार और अन्य हथियार ले रहे थे। जैसे-तैसे करके पत्रकार कालू लाल गर्ग अपनी जान बचाकर बाली थाने में पहुंचकर शातिर दबंगों की शिकायत करता है कि मेरी जान को खतरा है मुझे जान से मारने की कोशिश की गई है और मारपीट भी की है ।
लेकिन जांबाज पुलिसकर्मी हरमीत कौर ने ठीक उसकी शिकायत का उल्टा किया उसने दबंगों के साथ सांठ-गांठ कर पीड़ित पत्रकार पर ही आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत कर उसे रात भर जेल में रखा । जब उससे भी पुलिसकर्मी हरमीत कौर का मन नहीं भरा तो उसने पीड़ित महिला जिसने पहले अपनी जान जाने को खतरा बताकर शिकायत की थी अरुणा ओझा एवं पत्रकार की पत्नी मंजुला गर्ग को भी गिरफ्तार कर लिया । जिनको उसी समय जमानत दे दी गई । लेकिन पत्रकार कालू लाल गर्ग को बिना किसी जुर्म के 30 मार्च की पूरी रात जेल में रहना पड़ा । कोर्ट से 31 मार्च को उसकी जमानत हुई है ।
देश के कई पत्रकार एसोसिएशन के जिम्मेदार वरिष्ठ पत्रकारों ने ऐसे पुलिस विभाग का नाम बदनाम करने वाली पुलिसकर्मी हरमीत कौर की निंदा की है ।
उन्होंने जल्द ही उसको निलंबित/ बर्खास्त करने की मांग उच्च पुलिस अधिकारियों से करने की बात कही है जल्द ही सभी पत्रकार आंदोलन करने की बात कही है ।
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