- दुख में सुख -
दुख में भी सुख की धारा होती है
जीवन में कुछ क्षण होते हैं ऐसे
रेत में सच्चे मोती जैसे
दुख ही सुख के बीज बोती है
कांटों की चुभन के बीच
फूलोँ की डाली होती है
और जैसे पीड़ा के बाद
माँ की गोद में
शिशु की किलकारी होती है
होता नहीं अन्तर आंसुओं में
जब पलकें खुशी से गीली होती है
अंधेरी रात का मतलब
एक सुखद विभावरी होती है
दुख में भी सुख की धारा होती है
कठिन रास्तों पर चलते-चलते
पावों में पड़ते हैं छाले
परंतु उन रास्तों का अंत
एक मंज़िल होती है
सूरज को ढकते बादलों में
जन की खुशहाली होती है
हर पतझड़ के बाद
सावन की हरियाली होती है
दिवाली में दिए जगमगाते हैं
जब रात अंधियारी होती है
मनीषा श्रेयसी

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