देह मात्र- ऋतु सिंह

 देह मात्र ना मुझको समझो ,

मैं जीवन का आधार पिया,

 तुम हो यदि गहरा समुंदर ,

मैं शीतल जल की धार पिया,

       देह मात्र------

 तुम हो यदि  कुटुंब के कर्ता,

 तो मैं भी तेरी ढाल पिया

       देह मात्र----

तुम हो यदि मेरा जीवन तो,

 मैं भी तेरा संसार पिया

         देह मात्र-----

तुम हो यदि रणभूमि के

योद्धा,

 तो मैं तेरी बरछी कटार पिया

      देह मात्र-----

 तुम हो यदि बलिष्ठ पौरुष के स्वामी ,

तो मैं भी जलता अंगार पिया,

    देह मात्र-------

 तुम हो यदि समाज के चालक,

 तो मुझसे  बनता परिवार पिया।

         देह मात्र-----

मुझसे भिन्न न तुम हो पाओगे, 

तेरी खातिर जन्मूगीं हर बार पिया

देह मात्र----

नाम -ऋतु सिंह 

पता- वाराणसी

 दिनांक -२६/११/२०२०

यह मेरी स्वरचित व अप्रकाशित रचना है।

SHARE

Milan Tomic

Hi. I’m Designer of Blog Magic. I’m CEO/Founder of ThemeXpose. I’m Creative Art Director, Web Designer, UI/UX Designer, Interaction Designer, Industrial Designer, Web Developer, Business Enthusiast, StartUp Enthusiast, Speaker, Writer and Photographer. Inspired to make things looks better.

  • Image
  • Image
  • Image
  • Image
  • Image
    Blogger Comment
    Facebook Comment

0 comments:

Post a Comment

राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर एक्सप्रेस न्यूज भारत चैनल का आगाज़

इस अवसर पर क्राइम कंट्रोल ब्यूरो मीडिया टीम अपने सामाजिक हित के उल्लेखनीय कार्यों हेतु सम्मानित जयपुर ( भानु राज ) राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर ज...

_