मेरी क़लम से 🖋️
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कुछ अल्फ़ाज़ ऐसे भी होते हैं--जो हम कभी बोलकर नहीं लिखकर बयां करते हैं।
शायद इसी वजह से सोशल नेटवर्किंग का माध्यम काफी बढ़ता जा रहा हैं-इतना ही नहीं कभी हौसले से, कभी हार से,कभी भार से, तो कभी हल्के पन से,
जिंदगी बदल जाती हैं हालतों के बदलाव से।।
बहुत कुछ सिखा दिया बदलाव ने पर यह बदलाव जरूरी भी रहा
कौन कौन अपना और कौन कौन पराया हैं सब समझा दिया इस बदलते हालात ने/
पर यह भी अच्छा ही हैं जल्द समझ आ गया वरना पछताने के बाद समझ आए तो अफसोस रह जाता हैं पीछे। और यह अफसोस रोज़ रोज़ याद आता हैं--
फ़िर लगता हैं काश ऐसा कर लेते,
काश वैसा कर लेते,
बस इतना समझ लिया हैं की समय शक्ति शाली हैं और समय सभ्य भी बना देता है और असभ्य भी।
तो तय हमे ही करना है कि हमें क्या चाहिए--
सीमा कपूर
उत्तर प्रदेश
Right nice
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