“कुछ याद उन्हें भी कर लो,
जो लौट के घर ना आये”
पुलवामा में दो वर्ष पूर्व आज ही के दिन कुछ नापाक षड्यंत्रों की वजह से मॉं भारती की सुरक्षा में सतत सन्नद्ध चालीस बेटे एक धमाके में शहीद हो गए थे। प्रत्युत्तर में भारतीय पराक्रम और स्वाभिमान की गूँज उन धमाकों से सौ गुनी ज़्यादा तेज आवाज़ में षड्यंत्रकारियों के घर तक गूँजी पर इसके बावजूद देश की रक्षा में लगे उन जवानों की शहादत हर वर्ष इस दिन पर हमारी आँखें नम करती रहेंगी। आज पूरा विश्व प्रेम का सबसे बड़ा प्रतीक-उत्सव वेलेंटाइन्स डे मना रहा है। मुहब्बत के इस विशेष दिन पर प्रेम के सर्वाधिक पूज्य स्वरूप “देशप्रेम” की ख़ातिर अपना सर्वस्व लुटाने वाले कर्मवीरों को सादर प्रणाम !
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