जो व्यक्ति वोट दे उसका काम करो जो व्यक्ति वोट ना दें उसका काम ना करो क्या यही पॉलसी है पूरा जरूर पढ़ें -
माननीय मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य जी का गृह जनपद कौशांबी है या कौशांबी से विधायक भारतीय जनता पार्टी के हैं सांसद भी भारतीय जनता पार्टी के हैं
क्या सांसद और विधायक 1 ग्राम प्रधान से वर्ष में एक बार मिलकर के ग्राम विकास के बारे में चर्चा नहीं कर सकते अगर चर्चा भी नहीं कर सकते तो क्या 1 वर्ष में एक बार किसी भी गांव में घूम कर के सर्वे नहीं करा सकते अभी ऐसे कितने गांव पड़े हुए हैं जिन गांव में कोई भी विकास नहीं हुआ और मैं आप सभी को एक बात बताना चाहता हूं कि कुछ गांव कौशांबी जिले में गोद लिए गए थे अभी तक वह गोद में ही है गोद से बाहर नहीं आए हुए हैं इस पर विशेष ध्यान दिया जाए जनता को इस बार समझने की जरूरत है हर ग्राम सभा में अगर आपका प्रधान काम नहीं करता तो उसे अब बदले बदलाव ही जीवन का मूल होता है ।
मैंने आपको सिर्फ एक ग्रामसभा बड़ाहरि का उदाहरण दिया हूं इस ग्रुप में अगर कोई भी व्यक्ति है अपने ग्राम सभा से असंतुष्ट है तो कृपया करके वह भी आगे बढ़े और जो जनता को सरकारी योजनाओं की जानकारी दें जनता जनार्दन को जागृत करने का प्रयास करें
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का सपना 2022 तक देश के हर व्यक्ति को पीएम आवास मुहैया कराने का आदेश है इस सपने को पूरा करने का दृढ़ संकल्प है लेकिन उनका सपना क्या ऐसी परिस्थितियों में पूरा हो सकेगा जब स्थानीय प्रशासन ही इस में मिलजुल कर के काम कर रहा हो अच्छी धांधली गिरी चल रही हो तीनों ब्लॉकों में अगर ग्राम प्रधानों की आवास के नाम पर लाभार्थियों से मोटी मोटी रकम लेकर आवास दिया जाता है और जो व्यक्ति नहीं देते हैं शायद उनका नाम भी काट दिया जाता होगा आपको मैं बताना चाहता हूं कि कई ग्राम प्रधान तो ऐसे हैं कि ₹500 ₹1000 आधार कार्ड और पासबुक लेकर के ऑनलाइन कराने की प्रक्रिया में पैसा चार्ज करते हैं लेकिन यह भी हम आपको बता दें कि यह पैसा लेने के बाद भी लोगों का नाम नहीं आता है ऐसा ही हम आपको ग्राम सभा बड़ाहरि का बताते हैं जो कि लोगों ने 500 ,1000 रुपया पीएम आवास के लिए दिया हुआ था परंतु उनका नाम आवास योजना में नहीं आया हुआ है तो क्या यह वह पैसा रिटर्न करेंगे या नहीं करेंगे यह तो नहीं पता और हम आपको बता दें उज्जवला योजना के तहत ग्राम सभा में कई ऐसे व्यक्ति हैं जो कि 1000 से 1500 सौ रुपया गरीब जनता से वसूली किए हुए हैं परंतु उन्हें अभी तक गैस चूल्हा उज्जवला योजना के तहत नहीं मिला हुआ है इसी तरह शौचालय का भी है 3 साल बीत चुके हैं शौचालय आधी अधूरी बनी हुई पड़ी है और कहते हैं कि उसकी दूसरी किस्त अभी नहीं आई हुई है जब आएगी तब आपको किस्त मिल जाएगी इसी तरह पीएम आवास में भी है तीन-चार साल की किस्त की कालोनियां बनी हुई है उसके बाद दोबारा किस्त उनकी नहीं आई है मैं आपको और भी कुछ बताना चाहता हूं कि ग्रामसभा बड़ाहरि में वृद्ध महिलाएं और वृद्ध पुरुष जो कि 60 से 75 साल की उम्र के हो चुके हैं परंतु उन्हें अभी तक गवर्नमेंट की तरफ से कोई पेशन नहीं बनी हुई है क्या इस पर भी वोट बैंक देखी जाती है कि यह व्यक्ति मुझे वोट देगा तो मैं इसका काम करूं या ना करूं मैं यह बात यहां के सांसद और विधायक से पूछता हूं क्या यही काम करने का तरीका है ।
पल से पल में क्या हो जाए पता नहीं तकदीर का पीएम आवास मिले तो गरीब का वह भी बिना घूस का कौशांबी का मामला महज नजारा है यदि जनपद के तीनों ब्लाकों में जांच कराई जाए तो संभव है इसका पक्ष हमारे सामने आ जाएगा अवैध वसूली के कारनामे कई गांव में आए मगर अभी तक किसी ग्राम प्रधान पर कार्रवाई होना लाजिम है अब यह देखना है कि जिला अधिकारी गरीबों पर मेहरबान होंगे या रसूखदारों पर मेहरबान होंगे ।
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