जोधपुर शहर में रफ्तार का कहर थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। पच्चीस दिन पूर्व एक बेकाबू ऑडी ने चार लोगों को उड़ा दिया था। आज एक बार फिर एक तेज रफ्तार के कारण बेकाबू हुई ऑडी कार ने एम्स रोड पर आठ लोगों को उड़ा दिया। इनमें से दो की मौत हो गई, जबकि छह लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
एम्स रोड पर आबाद झोपड़पट्टी का मंजर सभी को बेहद डरा रहा था। सड़क से लेकर झोपड़पट्टी तक बिखरा खून और रोते बिलखते लोग। ये सभी एक भीषण हादसे की कहानी बयां कर रहे थे। आज सुबह करीब सवा दस बजे पाल रोड की तरफ से दनदनाते हुए आई एक ऑडी कार एम्स से थोड़ा पहले आबाद झोपड़पट्टी के समीप पहुंच बेकाबू हो गई। कार ने सबसे पहले एक्टिवा पर जा रहे पति-पत्नी को चपेट में लिया। एक्टिवा कार के आगे काफी दूरी तक घिसटते हुए आई। इसके बाद दूसरी एक्टिवा व साइकिल पर जा रहे एक व्यक्ति को टक्कर मारते हुए बेकाबू कार ने झोपड़ियों के बाहर बैठे पांच लोगों को चपेट में ले लिया। इसके साथ ही कार एक झोपड़ी के बाहर रखे सामान के ढेर से टकरा कर थम गई।
पलक झपकते ही हुए इस हादसे के कारण एक बार तो वहां मौजूद सभी लोग दहल उठे। फिर कुछ संभलते हुए उन्होंने घायलों को संभालना शुरू किया। तब तक वहां से निकलने वाले लोगों की भीड़ भी जमा हो गई। घायलों को लोगों की मदद से तुरंत निकट ही स्थित एम्स पहुंचाया गया। तब तक एक की मौत हो चुकी थी। कुल दस घायलों को एम्स में भर्ती कराया गया है। इनमें से तीन की स्थिति गंभीर बनी हुई है।
समझ में ही नहीं आया क्या हो गया
अपनी जोपड़ी के बाहर खड़ी रेवा ने बताया कि बहुत तेज रफ्तार के साथ कार आई और मेरी आंखों के सामने चार लोगों को उड़ा दिया। इस हादसे में मुकेश का सिर फट गया और कार उसके ऊपर से होते हुए नाथू और अम्मू को टक्कर मारते हुए ठहर गई। इनके साथ एक और व्यक्ति भी बैठा था, उसे भी चोट लगी है।
उड़ गए परिजनों के होश
हादसे की सूचना मिलते ही शंकरलाल की पत्नी एक परिचित के साथ मौके पर पहुंची। शंकरलाल की बुरी तरह से क्षतिग्रस्त साइकिल को देख उनके होश फाख्ता हो गए। रोते हुए उन्होंने लोगों से पूछा कि साइकिल वाले की क्या स्थिति है? लोगों ने बताया कि साइकिल वाला न केवल जिंदा है बल्कि उसे ज्यादा चोट नहीं लगी है। इसके बाद उन्हें कुछ राहत मिली और वे तुरंत एम्स के लिए रवाना हो गए।
भाग कर थाने पहुंचा ड्राइवर
कार ठहरते ही उसका ड्राइवर शास्त्री नगर थाना क्षेत्र के नंदनवन ग्रीन निवासी पचास वर्षीय अमित नागर पुत्र शंकरलाल सुथार वहां से भाग कर सीधे बासनी पुलिस थाने पहुंच गया। हादसा स्थल चौपासनी हाउसिंग बोर्ड पुलिस थाने के अधीन है। ऐसे में उसे चौपासनी हाउसिंग बोर्ड पुलिस को सौंप दिया गया। हादसे के बारे में फिलहाल वह कुछ बोलने की स्थिति में नहीं था। काफी घबरा चुका अमित इतना ही बोल पाया कि पता नहीं कैसे हो गया यह सब।
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