हनुमान जयंती बड़ी हर्षोल्लास के साथ मनाई यहां लोगों ने कहा कि भगवान हनुमान अपने कौशल और बुद्धि के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने अकेले ही पूरे लंका को जला दिया और यहां तक कि महाशक्तिशाली रावण भी उन्हें नहीं रोक पाया। वह शक्तिशाली होने के साथ ही शांत और सौम्य भी है। पूर्णिमा तिथि पर भगवान शिव के ग्यारहवें रूद्र अवतार हनुमानजी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। रामभक्त और केसरीनंदन हनुमानजी का जन्म त्रेतायुग में चैत्र पूर्णिमा तिथि पर सुबह के समय हुआ था। हनुमान जयंती पर बजरंगबली की विधिवत पूजा-आराधना के साथ चोला चढ़ाने के साथ-साथ तेल और सिंदूर चढ़ाने का भी विधान है। ज्योतिषशास्त्र में मान्यता है कि हनुमानजी की भक्तिभाव से पूजा करने पर अशुभ ग्रह भी शुभफल देने लगते हैं। इस दिन हनुमान चालीसा, बजरंग बाण और हनुमान बाहुक का पाठ करने से जन्म कुंडली के अकाल मृत्यु योग भी नष्ट हो जाएंगे। इनकी आराधना के फलस्वरूप सभी अशुभ ग्रह शुभ फल देने को विवश हो जाते हैं। प्रभु की शरण में आते ही हृदय की ग्रंथियां अपने आप ही खुल जाती हैं बिना प्रयास के ही सभी संशय दूर हो जाते हैं कर्म अकर्म की जटिल समस्याओं को बिना सुलझाए ही संपूर्ण कर्मशील हो जाते हैं ।
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