आजकल की इस दौड़ती भागती जिंदगी में हर कोई कर कोई मानसिक दबाव से गुजर रहा है. लेकिन, बहुत कम लोग ही इसे अहमित देते हैं. इस अनदेखी के कारण वह मेंटल स्ट्रेस, डिप्रेशन, एंजाइटी जैसी मानसिक दिकक्तों का शिकार हो जाते हैं. दुनिया भर में मानसिक स्वास्थ्य की महत्ता को समझाने के लिए 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। इसका मकसद यह है कि लोगों के बीच मानसिक दिक्कतों को लेकर जागरूकता फैलाई जा सके इसी संदर्भ में-
राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण और दिल्ली राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में और भारत की आजादी के 75 साल को "आजादी का अमृत महोत्सव" के रूप में मनाने के लिए संस्कार आश्रम में रह रहे अनाथ बच्चियों के लिए उत्तर- जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शाहदरा नार्थ-ईस्ट और पूर्वी जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण ने संस्कार आश्रम के साथ मिलकर आज दिनांक 11.10.2021 को संयुक्त रूप से “खेल-खेल में सीखें”, खेल-आधारित जीवन-कौशल रणनीतियों के माध्यम से बच्चों के सामाजिक-भावनात्मक विकास में मदद करने के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया। लड़कियों के संस्कार आश्रम में बच्चों के लिए यह श्रृंखला काउन्सलर शरण्या मेनन और हेमानी सेठ द्वारा संचालित किया गया। इस 5-भाग वाली कार्यशाला का दूसरा सत्र 11 अक्टूबर 2021 को आयोजित किया गया था। 2.5 घंटे के इस सत्र में भावनाओं और शारीरिक प्रतिक्रियाओं की पहचान और प्रबंधन के लक्ष्य थे। इस उद्देश्य के लिए, 5 अनुभवात्मक अभ्यास किए गए । इस कार्यशाला में बच्चों को अपनी भावनाओं को समझने और कठिन परिस्थितियों का डटकर सामना करने का कौशल प्रदान किया गया। देखा गया है कि अच्छे मानसिक स्वास्थ्य वाले बच्चों में आत्म-हानिकारक व्यवहार में लिप्त होने की संभावना कम होती है।संतुलित भावनात्मक स्वास्थ्य जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण लाएगा और बच्चों को आत्मविश्वास देगा। इन प्रायोगिक अभ्यासों के बाद, बच्चों ने दिन के लक्ष्यों पर अपनी सीख, अवलोकन और प्रतिक्रिया साझा की।
ऐसी कार्यशालाओं के दृष्टिकोण के बारे में बोलते हुए, डीएलएसए शाहदरा के सचिव, श्री आशीष गुप्ता ने कहा, "आश्रय गृहों में बच्चे देश के बच्चे हैं। वे सर्वोत्तम मानसिक स्वास्थ्य देखभाल के पात्र हैं। बच्चों के देखभाल और विकास के लिए ऐसे कार्यक्रम आगे भी आयोजित किये जायेंगे।" । जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नार्थ-ईस्ट के सचिव श्री अनुभव जैन ने कहा कि खेल-खेल में सीखे कार्यक्रम के माध्यम से बच्चे इस कार्यशाला को खेल-खेल में सीखेंगे और उनके बेहतर भविष्य की कामना की। पूर्वी जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण की सचिव सुश्री सायमा जमील ने कहा कि हम बहुत खुश हैं कि हम बच्चों के लिए कुछ कर पा रहे हैं।कार्यशाला काफी आकर्षित रही। बच्चों ने सत्र में बड़-चढ़ के हिस्सा लिया। इसी उद्देश्य से लड़कों के संस्कार आश्रम में ऐसी कार्यशाला 12 अक्टूबर 2021 से प्रारम्भ होगी।
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