वैशाली / बेतिया ( राजेन्द्र कुमार )
शराबबंदी के बावजूद जहरीली शराब के सेवन करने से छपरा में अब तक 70 से अधिक लोगों की मौत और दर्जनों अब भी गंभीर हालत में होने को लेकर बिहार में भाजपा का उग्र विरोध प्रदर्शन दिखा। बिहार के तमाम जिलों में जहरीली शराब से मौत को लेकर भाजपा के कार्यकर्ताओं ने अपना विरोध मार्च करते हुए पीड़ितों के लिए मुआवजा का मांग किया। इसी को लेकर पश्चिम चम्पारण के बेतिया में भी भाजपा कार्यकर्ताओं का विरोध मार्च बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह सांसद डॉ संजय जयसवाल, पूर्व उपमुख्यमंत्री रेणु देवी, चनपटिया विधायक उमाकांत सिंह और भाजपा जिलाध्यक्ष दीपेन्द्र सर्राफ के नेतृत्व में जिला परिषद कार्यालय से समाहरणालय चौक तक निकला गया। जहाँ भाजपा के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुतला फुंकते हुए नाराबाजी भी किया।
पुतल दहन के पश्चात मीडिया से बात करते हुए डॉ संजय जयसवाल ने कहा कि जब बिहार में शराबबंदी है तो फिर शराब आता कहाँ से है? ऐसे में जिन थाना क्षेत्र में ऐसी घटनाएं होती हैं तो उनके क्षेत्र के पुलिस पर हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए, क्योंकि बिना पुलिस के देख रेख के शराब का कारोबार संभव नहीं हो सकता है, इसलिए हत्या के तमाम धाराओं में संबंधित पुलिस पर मुकदमा होनी चाहिए। सरकार जहरीली शराब से हुई मौत में पीड़ित परिजनों को मुआवजा देना होगा। शराब कारोबारी और पुलिस के गठजोड़ के कारण शराब बिक्री होती है। शराब पीना बुरी बात है, पर होम डिलेवरी पुलिस के सहयोग से ही होता है। ऐसे में जब शराब से मौतें हो रही हैं तो फिर सरकार मुआवजा देने से पीछे नहीं हट सकती है। मरने वालों की आखिर सरकार को चिंता क्यों नहीं हो रही है?
डाॅ संजय जयसवाल ने अपने बातों से नीतीश सरकार पर हमला जारी रखते हुए आगे कहा कि जो पिएगा वो मरेगा और जो बेचेगा उसको नीतीश जी विधान सभा का टिकट देंगे और वो करोड़पति हो जाएगा। सहयोगियों करने वाले अधिकारी मस्ती करेंगे और जो बेच रहा है वो बचता रहेगा, बस पीने वाला ही दोषी होगा और वो ही जाएगा। मेरा मानना है जो शराब बनाने वालों पर कानून की धाराएँ हैं, उन धाराओं में उन सभी सहयोगी पुलिस वालों पर भी शराब बिक्री होने पर मुकदमा दर्ज होनी चाहिए। सर्किट हाउस से लेकर विधान सभा तक सभी जगहों पर शराब मिलता है। ऐसे में जब तक माफियाओं और पुलिस का गठजोड़ नहीं तोड़ा जाएगा तब तक ऐसी घटनाएं होती रहेगी और लोग ऐसे ही शराब से मरते रहेंगे। नीतीश कुमार अपनी जिम्मेदारियों से नहीं बच सकते। बालू और शराब माफियाओं के खिलाफ भाजपा जब सत्ता में थी तब भी मैंने आवाज उठाई और आज जब विपक्ष में है तब भी मैं और पार्टी आवाज उठा रहे हैं।
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