वैशाली/ बेतिया ( राजेन्द्र कुमार ) द्वारा न्यूज़
सभापति प्रत्याशी व प्रोपर्टी डीलर राजेश श्रीवास्तव हत्याकांड का नामजद आरोपी है फिरदौस अख्तर
नरकटियागंज के मोस्टवांटेड अपराधी गोरख ठाकुर के लखनऊ में हुई हत्या में फिरदौस अख्तर था शामिल
नरकटियागंज डीएसपी पर लगाया गंभीर आरोप और बेतिया एसपी पर भरोसा जता कर किया जांच की मांग
आखिर क्यों वांटेड फिरदौस अख्तर ने अपने इंकाउंटर का संदेह बताकर किया विडियो वायरल
बेतिया पुलिस के दबिस और कार्यवाही के कारण फिरदौस आरोप लगा रहा है और उसके सारे आरोप मनगढ़ंत है :- एसडीपीओ नरकटियागज।
राजेश श्रीवास्तव हत्याकांड का मुख्य नामजद अभियुक्त वांटेड फिरदौस अख्तर ने गुरूवार को लखनऊ (उत्तर प्रदेश) कोर्ट में अपना आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पण के पूर्व फिरदौस अख्तर ने कोर्ट जाने से पहले गाड़ी में अपना एक विडियो बनाकर सोशल मीडिया में वायरल किया है। जिसमें उसने अपने बेगुनाही और निर्दोष होने की निष्पक्ष जांच की मांग करता नजर आ रहा है। साथ ही उसके विडियो में उसके चेहरे पर पुलिस का भय भी दिखता नजर आया। अपने जारी किए विडियो में एक तरफ बेतिया एसपी पर विश्वास जताकर निष्पक्ष जांच की मांग करता नजर आया तो वहीं नरकटियागंज डीएसपी कुंदन कुमार पर कई गंभीर आरोप लगाकर उनके द्वारा इंकाउंटर करने की साजिश का आरोप तक लगा रहा है। जिसके कारण ही वो बेतिया में आत्मसमर्पण ना कर लखनऊ में आत्मसमर्पण करने की बात कही।
फिरदौस अख्तर ने वायरल विडियो में कहा कि मैं फिरदौस अख्तर, शिकारपुर थाना, बेतिया का रहने वाला हूँ। मुझे और मेरे परिवार को नरकटियागंज के सभापति प्रत्याशी व प्रोपर्टी डीलर राजेश श्रीवास्तव हत्याकांड में जानबूझकर फंसाया जा रहा है। बेतिया एसपी पूरे मामले की जांच स्वयं करें और मेरे साथ इंसाफ करें। नरकटियागंज के डीएसपी कुंदन कुमार और राजेश श्रीवास्तव दोनों ही करीबी दोस्त रहे हैं, और दोनों मिलकर छोटे से लेकर बड़े जमीनी कार्य में साझेदार भी रहे हैं। जिसके कारण ही इस हत्याकांड के बाद डीएसपी एक पुलिस अधिकारी की तरह कार्यवाही ना कर एक दोस्त की हत्या मानकर दुर्भावना से ग्रसित होकर एक पक्षीय कार्यवाही कर रहे हैं। बिना जांच, अनुसंधान और पर्यवेक्षण के ही जिस तरह मुझे, परिवार और घर को तंग और तबाह कर बर्बाद करने की कोशिश कर रहे हैं, उससे मुझे उनपर निष्पक्ष जांच करने की उम्मीद नहीं है। साथ ही अपने कुछ खास अधिकारियों के साथ मिलकर मेरा इंकाउंटर करने की साजिश कर रहे हैं। जिसतरह समाचार में मुझे कुख्यात बताया जा रहा है वो निराधार है क्योंकि मैं ना ही लूट, रंगदारी, अपहरण, जमीन कब्जा और हत्या आदि जैसे मामलों का अपराधी हूँ। मैं कभी किसी अपराध में नहीं रहा हूँ और नरकटियागंज की जनता को विश्वास दिलाता हूँ कि भविष्य में भी मैं इस काम में नहीं रहूंगा। ऐसे में बेतिया एसपी पर ही मुझे भरोसा है कि वो जांच कर मुझे इंसाफ दें। साथ ही राजेश हत्याकांड की जांच पर्यवेक्षण डीएसपी कुंदन कुमार से ना करा कर किसी अन्य अधिकारी से कराने की माँग कर रहा है।
फिरदौस अख्तर का वायरल विडियो बेतिया पुलिस को चौंका कर रख दिया है। मामला चाहे जो भी हो पर मामले की जांच होने के बाद ही फिरदौस अख्तर के बातों की सच्चाई सामने आ सकती है। लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि फिरदौस ने बेतिया एसपी उपेन्द्रनाथ वर्मा पर अपना विश्वास जिस तरह जताया है और अपील किया है वैसे में बेतिया एसपी उसकी उस गुहार को किस तरह लेंगे वो आने वाले अनुसंधान और जांच प्रक्रिया से साफ हो सकता है।
वहीं नरकटियागंज डीएसपी कुंदन कुमार से मोबाइल पर सम्पर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि फिरदौस अख्तर वायरल विडियो हास्यास्पद है। जो एक भी अपराध नहीं करने का दावा कर रहा है, वो लखनऊ में 4 से 5 मामलों में हत्या, लूट और आर्म्सएक्ट का आरोपी है। साथ ही बगहा व बेतिया में आधा दर्जन अपराधिक मामलों का आरोपी है, जिसकी पूरी अपराधिक इतिहास खंगाली जा रही है। यह सब उसने पुलिस दबिस और कार्यवाही को लेकर बदनाम करने की नियत से कर कर अपने को बचाने का प्रयास किया है। जबकि मैं कभी भी दिवगंत राजेश श्रीवास्तव के साथ किसी जमीन के खरीद बिक्री में साथ नहीं हूँ तो साझेदारी का प्रश्न नहीं उठता है। उसकी गिरफ्तारी का प्रयास टीम कर रही थी ना कि इंकाउंटर करने का प्रयास किया गया था। लखनऊ कोर्ट में आत्मसमर्पण करने के पहले विडियो वायरल कर सनसनी फैलाने का प्रयास कर अपना बचाव करना चाहता है। बेतिया पुलिस के कार्यवाही के कारण ही वो आत्मसमर्पण किया है।
फिरदौस अख्तर ने जिला के मोस्टवांटेड व अपराधिक इतिहास वाले गोरख ठाकुर की हत्या लखनऊ कैंट में जाकर दिनदहाड़े उसके आवास पर कर दिया था, जिसके बाद अपराध की दुनिया में उसका नाम तेजी से सामने आने लगा था। ऐसे में अपने ऊपर अपराधिक मामला नहीं होने की बात करना कहां तक सच्चाई है, यह चर्चा और जांच का मामला बन गया है। अपराधिक इतिहास होने के बाद भी फिरदौस क्यों अपने को बेगुनाह बता रहा है?
विदित हो कि 2 दिसम्बर के रात्रि भगवती सिनेमा विजय होटल के पास राजेश श्रीवास्तव की अज्ञात बाइक सवार अपराधियों ने 4 से 5 राउंड गोली चलाकर उनकी हत्या कर दी थी। जिसमें बेतिया पुलिस ने लगभग एक सप्ताह में अपनी जांच और कार्यवाही करते हुए नरकटियागंज के निवर्तमान सभापति राधेश्याम तिवारी, राजेश श्रीवास्तव के खास जितेन्द्र उर्फ जिम्मी सोनी समेत पांच को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। हत्याकांड में निवर्तमान सभापति व अधिवक्ता राधेश्याम तिवारी के नाम आने के बाद वहां की राजनीति अधिक गर्म हो गई है। वहीं विधिक संघ नरकटियागंज ने इसे बेतिया पुलिस की साजिश तक बताया था जिसको लेकर अपना विरोध दर्ज कराया है। इस हत्याकांड ने पुलिस को चुनौती दे दी थी जिसको लेकर बेतिया एसपी काफी संजीदगी से एक एक पहलूओं की खुद निगरानी करते हुए पूरे हत्याकांड का पर्दाफाश किया है। जो कि पूरे जिला को चौंका कर रख दिया है।
ऐसे में आम जनता की नजरें एक बार फिर से बेतिया एसपी उपेन्द्रनाथ वर्मा के ऊपर बनी हुई है कि कैसे वे फिरोज अख्तर को लखनऊ से बेतिया लाकर सारे मामलों का उद्भेदन और जांच करते हैं?
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