दिल्ली । देश की राजधानी दिल्ली में अभी भी नगर निगम की आंखों में धूल झोंक कर या सांठगांठ के बल पर अवैध रूप से पशु रखकर दूध की डेरिया धड़ल्ले से चल रही है । पता नहीं ऐसी डेरियो की जांच कब होगी कि कितनी अवैध और कितनी सही है।
ऐसा ही मामला उत्तर पूर्वी दिल्ली के मुस्तफाबाद वार्ड 243 इलाके का है जहां त्रिपाल फैक्ट्री के सामने गली नंबर 3 में कूड़ा करकट और डेरियों का गोबर गलियों में खूब तैर रहा है । जहां आने जाने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है । इस इलाके में साफ-सफाई नहीं की जा रही है । पता नहीं क्यों यहां के जिम्मेदार लोग मौन है । क्योंकि गली नंबर 3 में भैंसों की डेरिया भी है जिनके गोबर को नाली में बह दिया जाता है । गोबर को उठाने की बजाय पानी के पाइप चला कर उसको नालियों में बहा देते हैं जो गलियों की नालियों को बंद कर देता है और कूड़ा और गोबर का गंदा पानी सड़कों पर आ जाता है । जिसके कारण आने जाने वालों को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है । क्षेत्रीय लोग इस तरह की हरकतों से बहुत परेशान हैं । लगातार कूड़ा, गोबर व गंदगी सड़कों पर आने से क्षेत्र में महामारी फैलने का खतरा बना हुआ है । इस क्षेत्र में अभी तक दिल्ली नगर निगम की ओर से भी कोई ध्यान नहीं दिया गया। साफ सफाई न होने के मामले और गलियों में कूड़ा, गंदगी, गोबर और गंदे पानी को फैलाने वाले जिम्मेदार लोगों पर कानूनी कार्यवाही करने को लेकर जिम्मेदार बिल्कुल मौन है या किसी गंभीर महामारी फैलने के इंतजार में है।
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