जनपद बागपत छपरौली क्षेत्र के गाँव तिलवाडा में, आँखें द्वारा आयोजित बैठक में नशे के प्रति युवाओं का बढ़ता हुआ आकर्षण, नशे से बर्बाद होते घरों और नशे के कारण बढते हुए अपराधों के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए समाजसेवीयों ने नशा मुक्त भारत अभियान द्वारा जनजागरण करने का संकल्प लिया।
मुम्बई से लेकर बागपत तक नशा एक अभिशाप बना हुआ है। मुम्बई के ड्रग्स रैकेट जाल में एक्टर सुशान्त राजपूत की जान ले ली जाती है और बागपत में जहरीली शराब पीकर लोग मर जातें है। इसी को ध्यान में रखते हुए, क्षेत्र के गाँव तिलवाडा में समाजसेवी आर०आर०डी० उपाध्याय के निवास पर आयोजित बैठक में नशे के प्रति युवाओं का बढ़ता हुआ आकर्षण, नशे से बर्बाद होते घरों और नशे के कारण बढते हुए अपराधों के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए समाजसेवीयों ने कहा नशा ही इन सबका मूल कारण है। नशा आर्थिक, सामाजिक, नैतिक और मानसिक प्रवृत्तियों को प्रभावित करता है, दूषित करता है। नशे के कारण ही बलत्कार, लूट और हत्या जैसे अपराध जन्म लेते है।
समाजसेवीयों ने आँखें द्वारा संचालित "नशा मुक्त भारत" अभियान के माध्यम से युवाओं को नशे के प्रति जागरूक करने और युवाओं को नशे से बचाने के लिए जनजागरण करने का संकल्प लिया गया ।
बैठक में समाजसेवी आर०आर०डी० उपाध्याय, डॉ० रविशास्त्री, एडवोकेट भूपेन्द्र वशिष्ठ, प्रधानाचार्य जितेन्द्र कुमार आर्य, मा०ऋषिपाल आर्य, योगेन्द्र आर्य, दीपक शर्मा, वीरसैन आर्य, उदयवीर खोखर, राजवीर सिंह आदि उपस्थित रहे।
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