आज दिल को करार आया है,
प्यार फिर बेशुमार आया है।
जानलेवा थी ख्वाहिशें मेरी,
ख्वाहिशों को करार आया है।
आज उनका नशा हुआ मुझ पर,
प्यार में फिर निखार आया है।
नाम उनके किया वफा अपना,
टूट कर उन पर प्यार आया है।
रौशनी सी उठी फिजाओं में,
लौट फिर से बहार आया है।
जिंदगी की यही तमन्ना थी,
आज फिर लौट प्यार आया है।
साथ हैं आप जब तलक मेरे,
जिंदगी में वकार आया है।
जिंदगी आधी गुजर गई मेरी,
अब सफर शानदार आया है।
लेखिका -रिचा श्रीवास्तव
अयोध्या, उत्तर प्रदेश, भारत
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