दिल्ली ( तासीम अहमद - संपादक )
हिंदी भोजपुरी फ़िल्म के निर्देशक अजित कुमार लाल पटना बिहार के रहने वाले है। अजितकुमार लाल ने अपना स्कूल कॉलेज पटना बिहार मे ही कम्प्लीट किया । सायन्स मे ग्रज्युशन कम्प्लीट किया। और उनकी रुझान बचपन से ही फिल्म की और थी वो अभिनेता बनाना चाहते थे । एक्टिंग का शोक उनको बचपन से ही था म पटना मे स्कोप नही था, इसलिये आकाशवाणी पटना के ड्रामा विभाग में अजितकुमार लाल जुडे और करीब 20 बरसो तक आकाशवाणी से नाटक करते रहे।
1986 मे उनके मित्र और अजित्कुमार लाल ने एक प्लान बनाया के पॉकेट मनी जमा करके एक प्रोडक्शन हाऊस खडा कर दिया जाये । इसी बीच उनकी मुलाकात आर के जैन साहब से हुई । जो मंजन का व्यापार करते थे। उनके साथ बात करते टाइम अजितकुमार लालजी ने उनके सामने फिल्म बनाने की इच्छा प्रकट की और 1986 में निर्देशक अजितकुमार लाल के बैनर तले पहली फिल्म बनी "हमार घर हमार संसार" जिसका निर्देशन खूद अजितकुमार लाल ने किया । फिल्म लाईन मे आने के बाद सबसे ज्यादा विरोध घर के लोगों ने किया, मित्रों ने किया, नजदीकी लोगों ने किया। उन्होंने सबके विरोध का सामना किया।
अजित कुमार लाल को जब पूछा गया की उनको किस तरह के रोल पसंद है तो उन्होंने कहा - उनको सभी तरह के रोल पसंद है । लेकिन फादर का रोल उनको जादा पसंद है । भोजपुरी फिल्मों मे फिल्म "हमार घर हमार संसार" कब होई सैया से मिलनवा हमार" "अमर प्रेम" , खुशबु माटी के फिल्में की है । निर्देशक अजित कुमार लाल ने सिरीयल भी की हैं।" हँसते रहो लड़ते रहो" "लय प्रलय" "बाईट्स" "विकलांगता अभिशाप नही" "अनंत जीवन" "फर्ज" "21 वी सदी का प्रवेश द्वार" इसके अलावे डॉक्युमेंटरी फिल्म उन्होंने की है। बहुत सारे AD फिल्म किये है और बहुत सारे रोल भी किये है। रोल के साथ साथ उन्होंने बहुत सी बड़ी व शार्ट फ़िल्म और AD शूट का निर्देशन भी किया हैं। उन्होने बताया की फिल्म लाईन में कामयाब होने के बाद उनको बहुत अच्छा मेहसूस होता है।
जब अजितकुमार लाल को उनके आने वाली नई फिल्मों के बारे मे पूछा गया तो बताया कि उनकी आने वाले समय में चार फिल्म आने वाली हैं । फिल्म मे थोडे पुराने सीनियर कलाकार है और बाकी सब कलाकार नए है । प्रोजेक्ट के नाम "भुमिजा" "मेरे(प्यारे) पिताजी" "राधाकिशन" ये हिंदी है और भोजपुरी फिल्म "प्रेमिका" हैं।
निर्देशक अजित कुमार लाल को बहुत सारे '"बेस्ट एक्टर" के पुरस्कार मिले है। आंतरराष्ट्रीय संस्था सिग्नेश ने उनको "लाइफ टाइम अचीव्हमेंट अवॉर्ड" दिया है
अजितकुमार लाल कहते है की सबसे बडा पुरस्कार वही है -- जो लोग आपसे बहुत प्यार करते है,आपको चाहते है और आप को देखने के लिए थेयटर मे आते है। उससे बडा कोई पुरस्कार हो ही नही सकता और फिल्म लाईन मे नए आने वाले कलाकारों को बताना चाहते है के काम को पूजा समझे और फिल्मी चकाचौंध से न भटके। अच्छे से ऑडिशन दे और काम करे । बहुत लगन से काम करेंगे तो आपको आपकी मंजिल जरूर मिलेगी ।
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