ग्वालियर ।
तन समर्पित मन समर्पित और यह जीवन समर्पित
चाहता हूँ देश की धरती तुझे कुछ और भी दूँ ।
सामाजिक दर्पण-सोशल मिरर फाउंडेशन की संस्थापिका एवं संचालिका शकुन्तला तोमर जी ग्वालियर से है सीता चौहान पवन जी एवं धर्मेन्द्र सिंह तोमर जी विशिष्ट सहयोगी के रूप में। इस पृष्ठ एवं का मुख्य उद्देश्य सामाजिक अभिव्यक्ति शिक्षा समाज साहित्य संस्कार एवं संस्कृति से संबंधित विचार एवं गतिविधियों का सृजन करना कर युवा एवं बच्चों में इनका हस्तांतरण कर जोड़ना सामाजिक मुद्दे बच्चों में युवाओं में समाज साहित्य और भाषा में रुचि संस्कृति लोक कला लोक गीत संगीत का संरक्षण तीज त्यौहार हमारी परम्परायें रीति रिवाज एवम संस्कार निर्माण हेतु विचार और कैंपेन एवं सामाजिक परिवेश में व्याप्त समस्याओं (बच्चो स्त्री बुजुर्गों से सम्बंधित मुद्दों)पर चर्चा कोई विशेष कार्य हेतु प्रोत्साहन और सुधार समाधान ही हमारा लक्ष्य।
सामाजिक दर्पण सोशल मिरर फाउंडेशन के फेसबुक पटल हमेशा विभिन्न जयंतियों त्योहारों मुख्य दिवसो एवं सामाजिक मुद्दों पर पर्यावरण सुरक्षा एवं जागरूकता,नशा नाश का कारण,आज के संयुक्त परिवार की महत्वपूर्ण भूमिका,चलो गांव की ओर,नित्य अपनी प्रस्तुति देते हुए फिर उपस्थित आज बदलते परिवेश में मोबाइल और सोशल मीडिय से सम्बंधित विषय सोशल मीडिया का दुरुपयोग,स्त्री विमर्श महिला स्वास्थ्य एवं सुरक्षा।श्रावण मास महत्व जन जागरण भारतीय संस्कृति का प्रचार प्रसार और साहित्यकारों समाजसेवियों नवोदित कवियों लोक कलाकारो को आगे लाने हेतु निरंतर प्रयासरत है।
पटलके लिए गौरव की बात देश विदेश से कवि साहित्यकार सम्मानीयगण जुड़े।पटल पर अब तक लगभग चार सैकड़ा से ज्यादा लाइव ,काव्य पाठ/विचार गोष्ठियां हो चुकी है।
सामजिक क्षेत्र में निरंतर विभिन्न गतिविधियां जारी है... वृक्षारोपण एवं
सामाजिक दर्पण सोशल मिरर साहित्यिक सामाजिक साप्ताहिक प्रस्तुति में एक से बढ़कर एक साहित्यकार शायर गजल गायक पधारे जिनकी उपस्थिति ने पटल को गौरवान्वित कर चार चांद लगा दिए।पटल को गौरवान्वित करने वाली सम्मनीय विभूतियाँ आदरणीय अनीता श्रीवास्तव जी साहित्यकार टीकमगढ़ से अपनी कहानी,शिवजी की आराधना एवं मोबाइल पर अपनी कविता से सबका मन मोह लिया।सुप्रसिद्ध गीतकार नरेंद्र शर्मा नरेंद्र जी अलीगढ़ उत्तरप्रदेश से हिंदी खड़ी बोली और ब्रज भाषा मे अपनी एक से बढ़कर एक अनुपम प्रस्तुतियाँ दी मेरे जीवन के कोरे पृष्ठ पर आपने लिख दिया प्यार का प्राक्कथन ,बांसुरी की महिमा का मार्मिक वर्णन ब्रज भाषा मे सुन्दर उत्तम अंदाज़ में प्रस्तुत किया।आदरणीय शेखर आज़ाद कविराज जी सवाई माधोपुर राजस्थान से पधारे ।
आदरणीय प्रमोद कुमार कुश जी बेहतरीन गजलकार एवं गीतकार मुम्बई से पधारे चले थे रूठकर अपनी ज़मीं से न पाया चैन दुनियां में कहीं पे ,अपनी उत्कृष्ट गजलों की प्रस्तुति से सबका मन मोह लिया।कवयित्री रश्मि संजय श्रीवास्तव जी थक गया विश्राम करना चाहता है मन, बेहतरीन उत्कृष्ठ लेखन सरल सहज प्रस्तुति में गजलें प्रस्तुत की।सुप्रसिद्ध कवयित्री दीपा गौतम जी सतना मध्यप्रदेश से अपनी सरल एवं प्रभावी जादुई आवाज में माँ जानकी की करुण व्यथा को गीत के माध्यम से खूबसूरती से व्यक्त किया। वेदना मन की पथगामिनी हो रही कैसा ढलता ये आंखों का दिनमान है,
प्रीत के ही पथ चली थी प्रीत को सघन किया
किंतु इस जगत ने बोलो फिर भी तुमको क्या दिया।
कवयित्री गीता द्विवेदी जी गोपाल बिहार से पधारी अपने सरल सहज अंदाज़ में शानदार प्रस्तुति दी बेटा बेटी एक समान देश के सैनिकों को नमन करते हुए और बच्चो को शिक्षा देते हुए संदेशयुक्त रचनापाठ किया ।
सामाजिक दर्पण पर एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियों में से बेहतरीन सिंगर एवं कम्पोज़र आदरणीय मुसाफ़िर साहब चंडीगढ़ से एवं तबले पर प्रदीप भाई की जुगलबंदी के साथ अपनी उत्कृष्ट गजलों और जादई आवाज के साथ पधारकर सभी श्रोताओं को मन्त्रमुग्ध कर शाम को रंगीन बना दिया। हम तेरे शहर में आये है मुसाफ़िर की तरह,पहली बारिश की खुशबू से तुम आये ,गुजार लेंगें ये हम सफ़र सलीके से,संगीत ही जिंदा जादू है हर गम का मरहम खुशी की तान है।
सामाजिक दर्पण सोशल मिरर फाउंडेशन की संस्थापिका एवं संचालिका शकुन्तला तोमर जी ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर देशवासियों को शुभकामनाये देते हुए देशवासियों से आह्वान किया कि देश की अखंडता और स्वतंत्रता का गौरव बनाये रखने में निःस्वार्थ भाव से राष्ट्रहित मे अपनी भूमिका और कर्तव्यों के निर्वाहन करें,आइये हम सब देश के लिए अपना बलिदान नही बल्कि छोटे छोटे कार्य करने की शपथ लें नोट और दीवारों पर ना लिखें, सड़कों दीवारों पर न थूकें एम्बुलेंस और फायर ब्रिगेड की गाड़ी को रास्ता दें,ट्रैफिक रूल्स न तोड़ें,सड़क पर कचरा न फेकें,पानी और लाइट का बिल निःसंदेह आप चुकाते है पर इसका उपयोग आवश्यकता अनुसार करें,एक एक पौधा हर व्यक्ति लगाए उसे बड़ा करने तक कि जिम्मेदारी निभाये,मातृशक्ति के हर रूप को इज्जत और सम्मान दें,माँ बहन की गाली न दें अपने माता पिता का सम्मान करें उनकी सेवा करें,देश को नही बल्कि पहले खुद को बदलें अपनी मानसिकता को बदलें,छोटे छोटे प्रयासों से देश मे बड़ा बदलाव अवश्य आएगा ।भारत की एकता और अखंडता को बनाये रखने हेतु सकारात्मक निष्पक्ष सोच और अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें,ओजकवि रवीश पांडेय जी लखनऊ से एवं कवि सतेंद्र पांडेय जी मैहर सतना से,रेखा श्रीवास्तव जी भौपाल से ओजकवि आशीष त्रिपाठी आशु जी एवं सीता चौहान पवन जी ने स्वतंत्रता दिवस पर अपनी देशभक्ति रचनाओं की प्रस्तुति देकर सार्थक संदेश प्रेषित किया। पटल पर सहभागी साहित्यकारों समाजसेवियों सुधि श्रोताओ मीडिया बंधुओं के स्नेह प्रेम एवं उपस्थिति हेतु कोटि कोटि आभार।
अति उत्तम
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