दिल्ली ( Chief Editor - Tasim Ahamad )
देश की राजधानी दिल्ली में साकेत इलाके के पीवीआर मॉल के पीछे वाली साइड में सन 1984 से लगभग 70 बेजुबानों के साथ एक 80 वर्षीय बुजुर्ग महिला प्रतिमा देवी वहां रही है । लेकिन पता नहीं क्यों इतनी कड़ाके की सर्दी में MCD विभाग को क्या सूझी कि इसको अवैध अतिक्रमण मानकर अपनी मनमर्जी से बुलडोजर चलवाकर उस वृद्ध महिला एवं बेजुबानों के बने आशियाने को तहस-नहस कर दिया यहां से सामान भी उठा कर ले गए । कड़ाके की सर्दी के कारण 1 बिल्ली और 2 कुत्तों की मरने की सूचना पशु प्रेमियों को मिली तो कुछ पशु प्रेमी वहां मौके पर पहुंचे और उन्होंने आग्रह करके पूछा कि बेजुबानों के घर को तोड़ने का कोई कोई नोटिस या आदेश आपके पास है तो कृपया हमें दिखा दीजिए लेकिन उनके साथ भी एमसीडी विभाग के लोगों ने बदसलूकी की और मौके पर एमसीडी वालो ने ही एच०एस०ए० एनिमल डिस्पेंसरी के संचालक पशु प्रेमी संजय महापात्रा को जबरदस्ती पुलिस से गिरफ्तार करा दिया था हालांकि सहानुभूति के साथ इसको शाम को छोड़ दिया था।
पशु प्रेमियों ने बताया कि यह सब कृत्य एमसीडी विभाग ने अपनी मनमर्जी से किया गया है । क्योंकि वह बेजुबान जानवरों से घृणा करते हैं इसीलिए इन बेजुबानो के रहने का 'कानूनी अधिकार' को कुचलते हुए अपने बल पर इनको हटाने का स्वयं ही निर्णय ले लिया है । इतना ही नहीं उस वृद्ध महिला को भी जबरदस्ती रैन बसेरा में भेजने की कोशिश की जा रही थी । लेकिन वृद्ध महिला ने वहां जाने से मना कर दिया और बोली कि में अपने बेजुबान जानवरों के साथ यही रहुंगी ।
इस बाबत दिल्ली हाईकोर्ट से यहां पर यथास्थिति ( Stay Order ) के आदेश दे दिए गए हैं ।
ऐसे में, अब बेचारे बेजुबान जानवर अपने टूटे हुए घरो को ढूंढ रहे हैं कि हमारा घर कहां है और इतनी कड़ाके की सर्दी में इनको बचाना बड़ा मुश्किल कार्य है । क्योंकि उनके सर पर तो छत ही नहीं रही। अब कुछ पशु प्रेमियों ने मिलकर पैसा इकट्ठा करके उनके सिर छुपाने लिए कुछ टेंट लगा दिये हैं । इन बेजुबानों के हितों के लिए संजय महापात्रा, मंजू भारद्वाज, पूनम रानी बावड़ी, राखी, ममता, अर्चना, माला, एडवोकेट विशाल कालरा, गर्विता कपूर, नलिन, अराधना, सुमित कुमार आदि देखभाल व सेवा में लगे हुए है ।
इस संबंध में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, मेनका गांधी, पीएफए, एडब्ल्यूवीआई, एमसीडी कमिश्नर के यहां शिकायत भी की गई है ।










0 comments:
Post a Comment