दिल्ली PTS कालोनी की पूनम रानी बागड़ी पशु जो मालवीय नगर में भारतीय पशु कल्याण बोर्ड (AWBI) की रिप्रेजेंटेटिव प्रेमी पूनम रानी बागड़ी पिछले कई वर्षों से बेजुबान जानवरों की सेवा में नि:स्वार्थ भाव से लगी हुई है, जिसने दिल्ली वासियों को जागरूक करने हेतु बताया कि बेजुबान जानवरों को खिलाने-पिलाने के अधिकार को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में महत्वपूर्ण टिप्पणियां और दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन दिशा-निर्देशों का उद्देश्य जानवरों के कल्याण और सार्वजनिक सुरक्षा के बीच संतुलन स्थापित करना है।
इससे पहले, दिल्ली हाई कोर्ट ने एक अहम फैसले में कहा था कि हर सामुदायिक (सड़क पर घूमने वाले) कुत्ते को भोजन का अधिकार है और हर नागरिक को उन्हें खिलाने का अधिकार है। हालांकि, कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया था कि इन अधिकारों का प्रयोग करते समय दूसरों के अधिकारों का अतिक्रमण न हो और किसी को कोई परेशानी न हो आदि पहलुओं को ध्यान में रखकर खाना खिलाना चाहिए।
मीडिया समक्ष पूनम रानी बागड़ी ने कहा कि इस संबंध में भारतीय पशु कल्याण बोर्ड (AWBI) ने भी निवासी कल्याण संघों के परामर्श से निर्दिष्ट क्षेत्रों में भोजन देने के दिशानिर्देश जारी किए थे। अगर बेजुबानों पर क्रुरता होती है तो भारत में, पशुओं के प्रति क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 (Prevention of Cruelty to Animals Act, 1960) जानवरों को नुकसान पहुँचाने, जहर देने या जान से मारने पर दंड का प्रावधान करता है। यह अधिनियम जानवरों के सही पालन-पोषण और उचित देखभाल की भी बात करता है। भारतीय संविधान में अनुच्छेद 51ए(जी) के तहत कुत्तों को खाना खिलाने वालों के अधिकारों की रक्षा करने और उन्हें धमकी देने वालों को दंडित करने का प्रावधान है। किसी को भी यह अधिकार नहीं है कि वह आपको अपने समाज के भीतर या बाहर आवारा कुत्तों को खाना खिलाने से रोके । हालाँकि, आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि जिन कुत्तों को आप खाना खिलाते हैं, उनकी एक साल के भीतर नसबंदी और टीकाकरण हो ताकि बीमारियों को फैलने से रोका जा सके और जनसंख्या वृद्धि को रोका जा सके और कहा कि एनिमल बर्थ कंट्रोल (कुत्ते) नियम, 2001 के तहत आवारा पशुओं की नसबंदी और टीकाकरण का प्रावधान भी है, ताकि उनकी आबादी और रेबीज के प्रसार को नियंत्रित किया जा सके।
कानूनी तौर पर, नागरिकों को बेजुबान जानवरों को खिलाने का अधिकार है, लेकिन यह अधिकार दूसरों के अधिकारों और सार्वजनिक सुरक्षा के साथ सामंजस्य बिठाते हुए इस्तेमाल किया जाना चाहिए। क्योंकि भारतीय पशु कल्याण बोर्ड (AWBI) ने भी स्पष्ट किया है कि आवारा कुत्तों को खाना खिलाना कानूनी रूप से सही है, बशर्ते उनका टीकाकरण और नसबंदी भी करवाई जाए। जिसमें खासतौर पर रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (RWA), अपार्टमेंट ओनर एसोसिएशन या स्थानीय प्राधिकरण की भी जिम्मेदारी है कि वे अपने इलाके में रहने वाले बेजुबानों (डॉग्स) के लिए खाना खिलाने की व्यवस्था करें।
0 comments:
Post a Comment