उत्तर प्रदेश में 42 जनपदों के बिजली के निजीकरण के विरोध में देश के 27 लाख बिजली कर्मी सड़कों पर उतरे: ग्रांट थॉर्टन को क्लीन चिट देने के समाचार से बिजली कर्मियों में गुस्सा: उप्र के सभी जनपदों में जोरदार


विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उत्तर प्रदेश

मैनपुरी  : 29 मई 2025 (देवेंद्र सिंह कटारिया एडवोकेट द्वारा न्यूज़ रिपोर्ट)

नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स के आह्वान  पर आज देश के सभी प्रांतों के बिजली कर्मचारियों ,जूनियर इंजीनियरों और अभियंताओं ने उत्तर प्रदेश में 42 जनपदों के किये जा रहे बिजली के निजीकरण के विरोध में  जोरदार प्रदर्शन किया। जनपद मैनपुरी में मंडल कार्यालय पर आज बिजली कर्मचारियों ने जबरदस्त विरोध प्रदर्शन कर अपने आक्रोश को व्यक्त किया।

 विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, के पदाधिकारी अनिल कुमार वर्मा, हंसराज कौशल, राधेश्याम यादव, पियूष शुक्ला, ऐन्द्र कुमार शर्मा एवं शिवांश तिवारी ने बताया कि यह चर्चा है कि निजीकरण हेतु नियुक्त किए गए ट्रांजैक्शन कंसलटेंट ग्रांट थॉर्टन को झूठा शपथ पत्र देने के बावजूद निदशक वित्त श्री निधि नारंग ने उसे क्लीन चिट दे दी है। उल्लेखनीय है कि इंजीनियर ऑफ कांट्रैक्ट ने झूठा शपथ पत्र देने के मामले में ग्रांट थॉर्टन का नियुक्ति आदेश रद्द करने की सिफारिश की थी। इसे न मान कर अब अवैध ढंग से नियुक्त किए गए ट्रांजैक्शन कंसलटेंट ग्रांट थॉर्टन को क्लीन चिट देकर निजीकरण की प्रक्रिया तेज की जा रही है। संघर्ष समिति ने कहा कि इस घटना से ऐसा प्रतीत होता है कि प्रबंधन की निजी घरानों से मिली भगत है। इसीलिए तीसरी बार निधि नारंग को सेवा विस्तार दिया गया है।

राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर संगठन के जिला अध्यक्ष अजीत सिंह एवं सचिव अजय यादव जी ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने विद्युत वितरण निगमों में घाटे के भ्रामक आंकड़ों देकर पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का निर्णय लिया है जिससे उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मियों में भारी गुस्सा व्याप्त है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मी विगत 06 माह से लगातार आंदोलन कर रहे हैं किंतु अत्यंत खेद का विषय है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने आज तक एक बार भी उनसे वार्ता नहीं की। 

विद्युत तकनीकी कर्मचारी एकता संघ के सदस्य अंकित जादौन ने बताया कि उत्तर प्रदेश में गलत पावर परचेज एग्रीमेंट के चलते विद्युत वितरण निगमों को निजी बिजली उत्पादन कंपनियों को बिना एक भी यूनिट बिजली खरीदे 6761 करोड रुपए का सालाना भुगतान करना पड़ रहा है । इसके अतिरिक्त निजी घरानों से बहुत महंगी दरों पर बिजली खरीदने के कारण लगभग 10000 करोड रुपए प्रतिवर्ष का अतिरिक्त भार आ रहा है। उत्तर प्रदेश में सरकारी  विभागो पर 14400 करोड रुपए का बिजली राजस्व का बकाया है। उत्तर प्रदेश सरकार की नीति के अनुसार किसानों को मुफ्त बिजली दी जाती है, गरीबी रेखा से नीचे के बिजली उपभोक्ताओं को 03 रुपए प्रति यूनिट की दर पर बिजली दी जाती है जबकि बिजली की लागत  रुपए 07.85 पैसे प्रति यूनिट है। बुनकरों आदि को भी सब्सिडी दी जाती है। सब्सिडी की धनराशि ही लगभग 22000 करोड रुपए है। उत्तर प्रदेश सरकार इन सबको घाटा बताती है और इसी आधार पर निजीकरण का निर्णय लिया गया है। 

उत्तर प्रदेश में किए जा रहे बिजली के निजीकरण के विरोध में आज देशभर में 27 लाख बिजली कर्मचारियों ने सभी जनपदों और परियोजनाओं पर भोजन अवकाश के दौरान सड़क पर उतरकर व्यापक विरोध प्रदर्शन किया और उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मियों के साथ अपनी एकजुटता दिखाई। बिजली कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मियों का कोई भी उत्पीड़न करने की कोशिश की गई तो देश के तमाम 27 लाख बिजली कर्मी मूक दर्शन नहीं रहेंगे और सड़क पर उतर कर आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे जिसकी सारी जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश सरकार की होगी।

जूनियर इंजिनियर संगठन के सदस्य महेश प्रभाकर, सुरेन्द्र सिंह, नेत्रपाल सिंह, मुन्नीलाल गुप्ता, रवि प्रकाश, धनवीर नागर, प्रवीण प्रताप, देवेन्द्र सिंह, शुभम मधेशिया, पंकज कन्नौजिया, क्षेत्रीय उपाध्यक्ष,पुष्कर, हरवीर सिंह, ओम प्रकाश, रति राम, प्रदीप कुमार, मनीष यादव, नारायण सिंह, सोहन सिंह, अनिल कुमार, श्याम किशोर बिन्द, त्रिलोकी सिंह, राम अवध राम, सत्येन्द्र प्रजापति, ज्ञानेंद्र प्रदीप कुमार, क्षेत्रीय प्रचार सचिव, श्याम किशोर बिन्द, रवि कुमार, राज कुमार, विद्युत तकनीकी कर्मचारी एकता संघ के सदस्य पीतम सिंह, अनूप कुमार, शिव नारायन, उमेर हसन, अंकित राठौर, सौरभ, नितिन तिवारी, आशीष कुमार पटेल, सुभाष पटेल, उमेश चंद, महेश कुमार, कालीचरण, अरुण कुमार शर्मा, अरुण यादव, अशोक कुमार, नन्द किशोर, जनवेद, शिव शंकर, जितेन्द्र राजपूत, अमित कुमार, नन्द किशोर, मुज्जम्मिल हुसैन, राम कुमार, संयुक्त संघर्ष समिति के सदस्य  श्रीमती सीमा चौहान, श्रीमती रूबी शर्मा, श्रीमती रूबी, विशाल विक्रम, बजरंग बहादुर, सतेन्द्र सिंह, अनिल कुमार. प्रशांत कौशिक, राजेश विक्रम, रोहित राठोर, सुजीत वर्मा, दिलीप कुमार, राजेंद्र आदि सदस्य शामिल रहे ।



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Milan Tomic

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