दिल्ली - संवाददाता।
उत्तर-पूर्वी दिल्ली के पुराना मुस्तफाबाद की गली नंबर 2 से एक सनसनीखेज खबर सामने आई जहां एक गर्भवती महिला को पड़ोसी द्वारा कथित तौर पर मारपीट और अश्लील गाली-गलौच का शिकार होना पड़ा। पीड़िता, जो आठ महीने की गर्भवती बताई जा रही है, 2 मई दिन शुक्रवार की रात लगभग 8:00 बजे पुलिस कंट्रोल रूम नंबर 112 पर फोन कर घटना की सूचना दी, तो उनको फोन पर ही पुलिस द्वारा बताया गया आपका थाना करावल नगर लगता है वहां जाएं पीड़ित गर्भवती पीड़ित महिला वहां गई तो करावल नगर वालों ने थाना गोकलपुरी भेज दिया वहां भी कोई कार्यवाही नहीं हुई तो पीड़ित परेशान होकर अपने घर वापस आ गई । बाद में थाना दयालपुर पीसीआर वाले आये और बोले आप थाने में जाओ वहीं से आपको मेडिकल के लिए भेजेंगे तो पीड़ित महिला अपने पति संग प्राइवेट ऑटो करके गई और वहां से उनको अकेले ही जीटीबी अस्पताल के लिए मेडिकल करवाने के लिए भेजा।
पीड़िता के अनुसार, पूरी रात दर्द और सदमे से जूझते हुए, वह थाने और अस्पताल के चक्कर काटती रही। अगली सुबह, पुलिस ने कथित तौर पर उसे आश्वासन दिया कि वह घर लौट जाए और आरोपी शीबा और उसका पति परवेज़ व अन्य दो अज्ञात व्यक्ति गिरफ्तार कर लिया जाएंगे। हालांकि, इस घटना के बहुत समय बीत जाने के बाद भी, महिला का आरोप है कि पुलिस की ओर से कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई है।
यह घटना कई गंभीर सवाल खड़े करती है:
* पुलिस की प्रतिक्रिया में देरी क्यों हुई? जब एक गर्भवती महिला ने तत्काल सहायता के लिए गुहार लगाई, तो पुलिस को मौके पर पहुंचने में इतनी देर क्यों लगी? पीड़ित महिला ने अलग से दो थानों के चक्कर क्यों काटे? क्या यह प्रक्रियात्मक खामी थी या लापरवाही का मामला?
* पीड़िता को पूरी रात भटकना क्यों पड़ा? यदि महिला गर्भवती और नाजुक हालत में थी, तो उसे तत्काल चिकित्सा सहायता क्यों नहीं उपलब्ध कराई गई और उसे थानो के चक्कर क्यों लगाने पड़े?
* आश्वासन के बावजूद कार्यवाही क्यों नहीं हुई? यदि पुलिस ने 3 मई की सुबह आरोपी को गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया था, तो अभी तक कोई गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई? क्या पुलिस मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है?
* महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल: यह घटना एक बार फिर महिलाओं की सुरक्षा और पुलिस की तत्परता पर सवाल उठाती है। क्या कानून और व्यवस्था बनाए रखने वाली एजेंसियां महिलाओं को त्वरित और प्रभावी सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम हैं?
* आरोपी के खिलाफ क्या कार्रवाई होगी? पुलिस अब इस मामले में क्या कदम उठाएगी? क्या आरोपी को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा और पीड़िता को न्याय मिलेगा?
यह घटना न केवल एक महिला शीबा उसका पति परवेज वह अन्य दो अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ अपराध का मामला है, बल्कि यह हमारी कानून व्यवस्था और संवेदनशीलता पर भी एक बड़ा प्रश्नचिह्न लगाती है। एक 8 माह की गर्भवती महिला के साथ इस तरह का व्यवहार अस्वीकार्य है, और पुलिस की कथित निष्क्रियता ने पीड़िता को और भी अधिक आहत किया है।
स्थानीय समुदाय और महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने इस घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की है और मांग की है कि आरोपीयों को गिरफ्तार करे। उन्होंने यह भी मांग की है कि इस मामले में पुलिस की लापरवाही की जांच की जाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाए जाएं। यह देखना होगा कि पुलिस इस मामले में कब और क्या कार्रवाई करती है। पीड़िता और उसके अजन्मे बच्चे को न्याय मिलना चाहिए, और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि भविष्य में किसी भी महिला को इस तरह की भयावह स्थिति का सामना न करना पड़े।
0 comments:
Post a Comment