मेरठ, उत्तर प्रदेश ।
जितनी भी राज्य सरकारें है और केंद्र सरकार है उनको सोचना चाहिए कि यदि आपको पता चल जाता हैं, की पेपर लीक हो रहा है तो उसको उसी समय रोक देना चाहिए और पेपर रद्द कर देना चाहिए ,लेकिन भारत में बढ़ता भ्रष्टाचार इस बात की गवाही दे रहा है,
कि अब बच्चों का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है, ऐसी स्थिति में बच्चा गलत दिशा की ओर मुड़ जाएगा,
माता-पिता के लिए यह एक गंभीर विषय बनता जा रहा है, बच्चों का भविष्य केवल परीक्षाओं के माध्यम से पढ़ाई के माध्यम से ही सुनिश्चित किया जाता है ,परंतु भारत जैसे देश में यदि परीक्षाओं में धांधली हो रही है, घूसखोरी हो रही है ऐसे हालात में बच्चे और माता-पिता क्या करें।
माता-पिता अब किसी भी प्रकार से केंद्रीय सरकार और राज्य सरकारों पर विश्वास नहीं कर पा रही हैं,
निरंतर बढ़ती जा रही परीक्षाओं में गड़बड़ी के कारण जो बच्चे सक्षम है वह भी निराश होते जा रहे हैं यदि बच्चे इस प्रकार से अपनी पढ़ाई और परीक्षाओं के माध्यम से निराशा को निरंतर अपना लेंगे तो ऐसी स्थिति में बच्चा भारत में पढ़ना पसंद नहीं करेगा ,वह विदेशों की ओर रुख करेगा।
यह एक अपने आप में ही गंभीर विषय है ,
केन्द्र और राज्य सरकार को इसके लिए कड़े निर्देश लागू करने होंगे घूसखोरी और गैंग जो पेपर लीक करती है वह करोड़ों रुपए लाखों रुपए कमाने के चक्कर में बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं,
यदि ऊंची पोस्ट पर एक ऐसा बच्चा आ जाएगा तो देश का भविष्य भी घूसखोरी ही कहलाएगा ,
पढ़े-लिखे बच्चों को सीट नहीं मिलती और अनपढ़ गवारों को मिल जाती हैं ऐसे में आप सोचिए अभी हाल ही में नीट परीक्षा को लेकर इतना बड़ा विवाद हुआ जो आग की तरफ़ फैल गया ।
ऐसे बच्चे जो पेपर लीक के दौरान परीक्षाओं में इतने अच्छे मार्क्स लेकर पास हो रहे हैं जो कि भविष्य में कभी हो नहीं सकता इस प्रकार के नीट परीक्षाओं में रिजल्ट आए हैं वह बच्चे किस प्रकार के डॉक्टर बनेंगे और सोचिए वह लोगों का किस प्रकार इलाज करेंगे,
समाज में इतना भ्रष्टाचार फैल रहा है और उसको रोकने के लिए कोई भी नियम लागू नहीं किया जा रहे।
एक बच्चा जो काम से कम 8 से 9 घंटे पढ़ाई करता है डॉक्टर बनने का सपना देख रखा है उसके माता-पिता भी उसके साथ वह सपने से गुज़र रहे हैं ,
तो सोचिए उनके दिलों पर क्या बीतेगी।
जिस बच्चे से उम्मीद नहीं है वह बच्चा इतने अच्छे नंबर लेकर आ रहा है ,टॉप रिजल्ट ला रहा है और जो बच्चा दिन रात मेहनत करता है वह कुछ भी नहीं कर पा रहा ,
जो पेपर लीक करते थे यदि उन्हें हल्का दंड और कम जमानत में छोड़ दिया जाता है,
तभी वह बार-बार बच्चों के भविष्य के साथ खेल रहे हैं उनका भविष्य अंधकारमय कर रहे हैं,
उन्हें पता है कुछ समय के लिए वह जेल में रहेंगे जमानत के तौर पर कुछ राशि देकर वह छूट जाएंगे ,
इसलिए वह इस प्रकार से बच्चों के भविष्य के साथ खेल रहे हैं उन्हें कुछ फर्क नहीं पड़ता कि ऐसे में भारत का भविष्य अंधकार में बढ़ता जाएगा,
इंसान इतना लालची होता जा रहा है, उसे यह नहीं समझ आ रहा कि वह कर क्या रहा है,
पैसों के लालच में वह पेपर लीक जैसी बड़ी समस्या को लेकर कर करोड़ों बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ हो रहा है,
ऐसे में राजनीतिक मुद्दे उठाते हैं रोप प्रत्यारोप होते हैं परंतु कोई भी सही तरीके से सटिक निर्णय नहीं ले पा रहा बच्चों के भविष्य के प्रति,
यदि यही हाल रहा तो वह दिन दूर नहीं जब भारत का भविष्य यह युवा बच्चे भारत की राजनीति के प्रति निराशाजनक विचारधाराओं को अपने भीतर प्रवेश कर देंगे अभी तो फिलहाल के लिए बच्चों को यह उम्मीद है कि शायद केंद्र सरकार और राज्य सरकारें कुछ ना कुछ पेपर लीक जैसी समस्याओं का समाधान करेंगी।
परंतु यह समस्याएं इतनी अंदर तक फैल चुकी है भारत में चाहे आप राजनीतिक मुद्दा ले लीजिए,
बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ ले लीजिए ,
स्कूल प्रशासन की ख़ामोशी ले लीजिए ,
या जिस सेंटर में पेपर होते हैं उन केंद्र की ख़ामोशी ले लीजिए ,
यह सवाल अपने आप में ही एक बहुत बड़ा ? लेकर आता है।

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