एक गंदे सार्वजनिक शौचालय से एक स्कूल की ओर: मानसी बाजपाई की इनायत की कहानी"

लखनऊ ।

मानसी बाजपाई एक ऐसी युवा महिला हैं जो न केवल खुद को बल्कि समाज को भी प्रेरित करने में सक्षम हैं। कोविड-19 महामारी के बाद, जब मानसी 21 साल की थी, तब उन्होंने एक एनजीओ (इनायत ब्लेसिंग फाउंडेशन) की स्थापना की। उन्होंने शिक्षा को सबसे शक्तिशाली हथियार माना है जिसके माध्यम से वे दुनिया को बदल सकते हैं। इसी सोच के साथ, उन्होंने गरीब बच्चों के लिए एक मुफ्त स्कूल "इनायत ब्लेसिंग अकादमी" शुरू की।

“जब हमने मुफ्त स्कूल खोलने की सोची, तो हमारे पास इसके लिए कोई उचित स्थान नहीं था। हमें बच्चों के लिए एक अच्छा वातावरण बनाने के लिए नजदीकी जगह की आवश्यकता थी। बहुत संघर्ष के बाद, हमने बहुत सारे लोगों से मदद के लिए जायज़ा लिया लेकिन अंत में हमें एक सरकारी इमारत मिली, जो कई सालों से बंद हो रहे एक सार्वजनिक शौचालय था। वह शौचालय एक स्लम में स्थित था और स्लम के लोग इसे अपने उपयोग के लिए स्टोर रूम के रूप में उपयोग कर रहे थे। मैं और मेरी टीम ने इसे साफ करने और एक स्कूल में परिवर्तित करने की पहल की, आज वहां 50 से अधिक बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं और अब यह कोई सार्वजनिक शौचालय नहीं है। इनायत की यात्रा के इन 2.5 सालों में हमने कई टीकाकरण, मेडिकल कैंप, जागरूकता कार्यक्रम, सम्मान समारोह आदि कार्यक्रमों को संपन्न किया हैं।”

मानसी बाजपाई के साथी और संगठनों के सहयोग से इनायत ब्लेसिंग अकादमी आज एक आदर्श बन गई है जो गरीब और पिछड़े बच्चों के लिए स्थान प्रदान करती है। मानसी बाजपाई के प्रति समाज की सराहना और सम्मान की आवाज लगाई जाती है। उनकी निर्मल भावना, समर्पणशीलता और परिश्रम ने समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनकी संघर्षशील यात्रा को देखकर सभी उनको आदर्श नागरिक के रूप में स्व करते हैं और उनके कार्यों को साहसिकता की मिसाल मानते हैं। इनायत ब्लेसिंग अकादमी के माध्यम से मानसी बाजपाई ने न सिर्फ एक स्वच्छ और सुरम्य स्कूल की स्थापना की है, बल्कि उन्होंने गरीबी से पीड़ित बच्चों को उनके अधिकारों की पहचान दिलाकर उन्हें आत्मविश्वास, स्वावलंबन और समाज में सम्मान की प्राप्ति में मदद की है। इनायत ब्लेसिंग अकादमी ने अनेक बच्चों को शिक्षा का आदान-प्रदान करके उन्हें समाज का हिस्सा बनाया है, जो एक सामान्य शौचालय से स्कूल बनकर उन्हें सम्मान और आत्मविश्वास की अनुभूति देने में अनोखा है।

इस महान परिवर्तन की कहानी एक सबक देती है - कि अगर हमारे मन में निश्चय और संकल्प हो, तो हम जिस क्षेत्र में भी हों, उसे बदलने की क्षमता रखते हैं। मानसी बाजपाई के बड़े सपने और समर्पण के साथ, इनायत ब्लेसिंग अकादमी आज गरीबी को मात देकर नये आशाओं की उड़ान भर रही है।

इस उद्यान के गार्डनर बनने वाली मानसी बाजपाई की इस अद्भुत यात्रा के माध्यम से गरीबी और असहाय बच्चों के लिए नई रोशनी की किरणें जगी हैं। इनायत ब्लेसिंग अकादमी ने समाज में शिक्षा के महत्व को पुनः स्थापित किया है और वे उन बच्चों के लिए मार्गदर्शक बन गई हैं, जो पहले निराश और निराधार थे। उनके संघर्ष, मेहनत और समर्पण की वजह से आज वह स्कूल गरीबी के केंद्र से एक ऊँचाई की ओर बढ़ रहा है।

यह कहानी हमें सिखाती है कि संघर्ष और परिश्रम से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। मानसी बाजपाई ने अपने जीवन को समर्पित करके एक नया संदेश दिया है - शिक्षा हमारी सबसे बड़ी संपत्ति है और हमें इसे दूसरों के साथ साझा करना चाहिए। वे दरिद्रता के बीच शिक्षा के एक नये स्तर को स्थापित करने में सफल हुई हैं और इससे हमें यह यकीन दिलाती है कि छोटी सी प्रयासों से हम बड़े परिवर्तन ला सकते हैं।



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Milan Tomic

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