बाली के निकटवर्ती गांव बोया में ललिता पुत्री मनोहर लाल गर्ग निवासी बोया की शादी 2017 में पालड़ी एम (सिरोही) निवासी जितेंद्र पुत्र रणछोड़ लाल गर्ग के साथ सामाजिक रीति रिवाज के तहत हुई थी, जिसकी हत्या कर, आत्महत्या का रुप देने की कोशिश की गई।
ललिता के परिवार व स्वयं द्वारा लिखित दैनिक दिनचर्या नोट के आधार पर ललिता अपने पति व ससुराल वालों से बहुत दुःखी थी । पति का किसी अन्य लड़की से अफेयर चल रहा था, इस वजह से ललिता का पति उसे आये दिन तंग व परेशान करता था, ताकि आसानी से तलाक दे दे। इतनी मारपीट करने व हद तक परेशान करने के बाद भी ललिता ने धैर्य नहीं खोया और पति को समझाने की कोशिश करती रही। लेकिन बात नहीं बनते देख पति जितेन्द्र ने आखिरी बार दिनांक 4/6/23 भारी मारपीट की जिसमें ललिता की मौत हो गई, और ससुराल वालों ने एक मत व एक राय होकर माहौल इस तरह माहौल तैयार किया जैसे ललिता ने आत्म हत्या की हो।
दिनांक 3/6/23 को ललिता ने आखिरी बार फोन कर अपनी मां व भाई को स्थिति से अवगत कराया, मगर सामाजिक कार्यक्रम में व्यस्त होने की वजह से समय पर नहीं पहुंच सके। ललिता की स्वर्गीय आत्मा व परिवार वालों ने ललिता के लिये न्याय की मांग की है ताकि दोषियों को सजा मिल सके।
पीड़ितों के अनुसार कहना है कि अब देखना यह है कि क्या पुलिस प्रशासन ललिता को अपनी बेटी मानकर न्याय दिला पाते हैं या राजनैतिक दबाव में आकर उनके आगे घुटने टेकते हैं।
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